क्या जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का कारण देश को बताना चाहिए सरकार?

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राजनीतिक हलचल का कारण बना।
- कांग्रेस ने सरकार से स्पष्टता की मांग की।
- आरएसएस के इतिहास को लेकर विवाद बढ़ा।
नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। इस मुद्दे पर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान आया है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा क्यों दिया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "सरकार को बताना चाहिए कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे क्या कारण हैं? हमें लगता है कि 'दाल में कुछ काला है।' वरना, उनकी सेहत तो बहुत अच्छी है। वे खुद से भी ज्यादा आरएसएस और भाजपा का बचाव करते थे, इसे उनके अपने लोग भी नहीं कर पाते। उनकी निष्ठा हमेशा आरएसएस और भाजपा के साथ रही है। जिस प्रकार से उन्होंने इस्तीफा दिया है, इसके पीछे कौन है, यह देश को बताना चाहिए।"
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर उन्होंने कहा, "आरएसएस इतिहास को उल्टा लिखने की कोशिश कर रहा है। वे जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई किताब 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' को भी नकारते हैं। आरएसएस का इतिहास अलग है और देश का इतिहास अलग है।"
जगदीप धनखड़ ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा था। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) का हवाला देते हुए स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और चिकित्सा सलाह का पालन करने की आवश्यकता बताई।
मानसून सत्र के पहले ही दिन उनके इस्तीफे से राजनीतिक हलचल शुरू हो गई और विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से सवाल उठाए।
कांग्रेस ने दावा किया कि उनके इस्तीफे में बताए गए स्वास्थ्य संबंधी कारण पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "कांग्रेस पार्टी को धनखड़ के इस्तीफे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए।"