क्या भारतीय संविधान का आर्टिकल 67(ए) क्या है? उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे में इसका संदर्भ

सारांश
Key Takeaways
- उपराष्ट्रपति का इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत होता है।
- जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया।
- राज्यसभा के सभापति की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।
- नए उपराष्ट्रपति का चुनाव जल्द होगा।
- इस्तीफा देने की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से मान्य होती है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब उनके कार्यकाल के अभी दो साल बाकी हैं। अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण करने वाले धनखड़ ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र भेजा, जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 67(ए) का उल्लेख किया है। आइए जानते हैं कि आर्टिकल 67(ए) क्या है?
जगदीप धनखड़ ने अपने त्यागपत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का जिक्र किया, जिसमें उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है। अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, उपराष्ट्रपति अपने हाथ से लिखे पत्र द्वारा राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। यह इस्तीफा तत्काल प्रभाव से मान्य होगा। उपराष्ट्रपति को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को ही देना होता है।
किसी भी समय, अपने पांच साल के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं, बस उन्हें राष्ट्रपति को एक लिखित त्यागपत्र सौंपना होता है। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत आती है, जिसमें उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की रूपरेखा दी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद भारत में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की संवैधानिक प्रक्रिया प्रारंभ होगी। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए यह पद लंबे समय तक खाली नहीं रह सकता।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, धनखड़ के उत्तराधिकारी का चुनाव जल्द होने की संभावना है, ताकि संसद के ऊपरी सदन के कामकाज में निरंतरता बनी रहे।
पिछले एक वर्ष में धनखड़ को स्वास्थ्य कारणों से कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, हाल ही में उन्हें नैनीताल में भर्ती किया गया था। उनकी बीमारी की सटीक प्रकृति का खुलासा नहीं किया गया है।