क्या जयपुर शहीद स्मारक से यमुना प्रवाह पदयात्रा का शुभारंभ हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने यात्रा का उद्घाटन किया।
- यात्रा का उद्देश्य सरदार पटेल की विरासत को सम्मानित करना है।
- यात्रा में 8 राज्यों के यात्री शामिल हैं।
- यह यात्रा राजस्थानी संस्कृति को दर्शाएगी।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न जिलों में होगा।
जयपुर, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बुधवार को जयपुर में सरदार 150 यूनिटी मार्च पदयात्रा कार्यक्रम के तहत यमुना प्रवाह पदयात्रा का उद्घाटन किया। यह यात्रा अमर जवान ज्योति शहीद स्मारक, जयपुर से प्रारंभ हुई।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा, "सरदार पटेल ने देश को एकता के धागे में पिरोने का कार्य किया है। आज हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का जश्न मना रहे हैं। सरदार पटेल की दूरदर्शिता ने भारत को एक करने का कार्य किया है, जिसे सदा याद रखा जाएगा। ऐसा व्यक्ति कोई नहीं था।"
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों का समर्थन भारत के लिए है और सरदार पटेल ने उन्हें देश की मुख्यधारा में लाने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने हैदराबाद में ऑपरेशन पोलो किया, निजाम की इच्छा के बावजूद हैदराबाद को भारत में शामिल कर लिया, क्योंकि लोग ऐसा चाहते थे।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कुछ लोगों ने इन महापुरुषों को याद भी नहीं किया था, जबकि आजादी दिलाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन्हें नई पहचान मिल रही है। इनके लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
यूनिटी मार्च पदयात्रा कार्यक्रम के बारे में बताते हुए भजन लाल शर्मा ने कहा कि यह यात्रा जयपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर और सिरोही जिलों से होते हुए गुजरात के करमसद पहुंचेगी। इस यात्रा में 8 प्रदेशों के यात्री शामिल होंगे। जयपुर से निकलने वाली इस यात्रा में राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों के यात्री भी भाग लेंगे।
यात्रा में हर जिले से दो यात्रियों का चयन किया गया है और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को प्रमुखता दी गई है।
उन्होंने कहा कि इन यात्राओं में राजस्थानी संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी। यात्राओं का स्वागत हर जिले की पारंपरिक संस्कृति के अनुसार किया जा रहा है। अलवर में यात्रियों का स्वागत भृतहरि नाट्य के साथ, सवाई माधोपुर में कन्हैया दंगल का आयोजन, कोटा में रिवर फ्रंट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, चित्तौड़गढ़ में यात्रियों को सांवरिया सेठ के दर्शन करवाए जाएंगे, और उदयपुर में प्रताप गौरव केन्द्र में महाराणा प्रताप की डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी।