क्या जैसलमेर बस हादसे की जांच आवश्यक है? अशोक गहलोत ने घायलों से की मुलाकात

सारांश
Key Takeaways
- जैसलमेर बस हादसा एक गंभीर घटना है जिसमें 21 लोगों की मृत्यु हुई।
- पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घायलों से मिलकर उनका हालचाल पूछा।
- घायलों के इलाज की उचित व्यवस्था की मांग की गई है।
- डीएनए टेस्ट के जरिए शवों को परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए।
- इस मामले में मुआवजा की घोषणा अभी तक नहीं हुई है।
जोधपुर, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जैसलमेर बस दुर्घटना में घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत गंभीर घटना है, जिसमें 21 लोगों की जान चली गई है।
गहलोत ने कहा कि अस्पताल जाकर उन्होंने घायलों से मुलाकात की है। कई मरीज वेंटिलेटर पर हैं और कुछ खतरे से बाहर हैं। हमारी मांग है कि घायलों का उचित इलाज किया जाए।
उन्होंने यह भी पूछा कि मारे गए लोगों के डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया कब तक पूरी होगी, ताकि शवों को उनके परिवारों को सौंपा जा सके।
गहलोत ने कहा कि इस घटना की जांच आवश्यक है। अगर इस घटना की जांच नहीं की गई, तो भविष्य में और भी ऐसे हादसे हो सकते हैं। उन्होंने गाड़ी के फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच की भी बात कही। अभी तक प्रभावित लोगों के लिए कोई मुआवजा घोषित नहीं किया गया है।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में जैसलमेर बस हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हिम्मत दी। यहां पर मौजूद इन पीड़ित परिजनों ने अपनी दुखद कहानी सुनाई। पीड़ितों ने अपनी समस्याओं के बारे में बताया, जिसे मुख्यमंत्री और जोधपुर प्रशासन को अवगत कराया गया। उपस्थित डॉक्टरों से घायलों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। मैं भगवान से घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।
वहीं, राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जोधपुर के सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस लगातार सरकार को घेर रही है। जब भी कोई समस्या होती है, तब सरकार के किसी प्रतिनिधि द्वारा जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है। पहले विद्यालय गिर गया तो शिक्षा मंत्री से हमने इस्तीफा मांगा, लेकिन वह नहीं हुआ।