क्या मणिपुर ने 24वीं राजमाता जीजाबाई ट्रॉफी जीत ली, आखिरी मिनट में बंगाल को हराया?

सारांश
Key Takeaways
- मणिपुर की जीत ने उनकी क्षमता को दर्शाया।
- बंगाल ने भी शानदार प्रयास किया।
- लिंडा कॉम सेर्टो का गोल निर्णायक साबित हुआ।
- मैच रोमांच और तनाव से भरा था।
- यह ट्रॉफी मणिपुर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बुधवार को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में आरकेएम आश्रम के मैदान पर आयोजित एक रोमांचक फाइनल में, मणिपुर ने बंगाल को 1-0 से मात देकर सीनियर महिला राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप की राजमाता जीजाबाई ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
मैच के अंतिम क्षणों में (93वें मिनट) लिंडा कॉम सेर्टो ने निर्णायक गोल करके मणिपुर को रिकॉर्ड 23वीं बार विजेता बनाया, जिससे बंगाल की उम्मीदें चकनाचूर हो गईं।
मुकाबले की शुरुआत से ही दोनों टीमों के बीच रोमांचक संघर्ष की उम्मीद थी। मिडफील्ड में गेंद का संघर्ष चल रहा था, जिससे दोनों टीमों को आक्रमण में अधिक अवसर नहीं मिल पा रहे थे। मणिपुर को पहले मौके का सामना 20वें मिनट में सेट-पीस के जरिए करना पड़ा। रतनबाला देवी ने फ्री-किक पर शानदार प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्यवश गेंद पोस्ट के बाहर चली गई।
35वें मिनट में, रिम्पा हलधर को एक खूबसूरत पास मिला, लेकिन वह मणिपुर के गोलकीपर को नहीं भेद सकीं। इसके बाद बंगाल ने लगातार हमले किए, लेकिन कोई भी प्रयास सफल नहीं रहा। मणिपुर भी गोल करने में नाकाम रही।
दबाव लगातार बढ़ता गया। कोचों ने बदलाव के जरिए नए मौके बनाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी परिवर्तन खेल का संतुलन नहीं बिगाड़ सका। दोनों टीमें बराबरी पर थीं और ऐसा लग रहा था कि खेल अतिरिक्त समय में जाएगा। लेकिन, 93वें मिनट में लिंडा कॉम सेर्टो ने गोल दागकर मैच को मणिपुर की झोली में डाल दिया।
मणिपुर की यह जीत उसकी क्षमता और फुटबॉल में उसके गौरवपूर्ण इतिहास का प्रमाण थी।