क्या पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में आंगनवाड़ी वर्कर की खुदकुशी चुनाव आयोग के दबाव का परिणाम है?

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क्या पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में आंगनवाड़ी वर्कर की खुदकुशी चुनाव आयोग के दबाव का परिणाम है?

सारांश

पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी की आंगनवाड़ी वर्कर की आत्महत्या ने चुनाव आयोग की नीतियों पर सवाल उठा दिए हैं। क्या यह घटना एसआईआर के दबाव का नतीजा है?

Key Takeaways

  • जलपाईगुड़ी की आंगनवाड़ी वर्कर की खुदकुशी ने महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं।
  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
  • एसआईआर के दबाव के कारण कई लोग मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।

कोलकाता, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर से गंभीर आरोप लगाया है। बुधवार को उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दबाव के कारण एक आंगनवाड़ी वर्कर की मौत हुई।

ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक विस्तृत पोस्ट के माध्यम से जलपाईगुड़ी जिले के माल ब्लॉक में एक आंगनवाड़ी वर्कर और बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की खुदकुशी पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने इसे चुनाव आयोग की अमानवीय नीति का परिणाम बताया।

उन्होंने लिखा, "आज फिर एक और कीमती जान चली गई। जलपाईगुड़ी के माल में एक आंगनवाड़ी वर्कर ने एसआईआर के भयानक दबाव में अपनी जान दे दी। एसआईआर शुरू होने के बाद अब तक 28 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें कुछ डर और अनिश्चितता के कारण, तो कुछ तनाव और अत्यधिक कार्य के कारण।"

उन्होंने आगे कहा, "पहले जो काम तीन साल में होता था, उसे चुनाव से ठीक पहले दो महीने में पूरा करने के आदेश देकर राजनीतिक आकाओं को खुश किया जा रहा है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि बीएलओ पर अमानवीय बोझ पड़ रहा है।"

मुख्यमंत्री ने भारतीय निर्वाचन आयोग से एसआईआर को रोकने की अपील की। उन्होंने कहा, "मैं ईसीआई से निवेदन करती हूं कि समझदारी दिखाएं और यह बिना योजना वाला काम तुरंत बंद करें, वरना और जानें जाएंगी।"

जलपाईगुड़ी के माल ब्लॉक के अंतर्गत लतागुड़ी ग्राम पंचायत की आंगनवाड़ी वर्कर रीना रॉय (42) मंगलवार रात अपने घर में फांसी पर लटकी मिलीं। परिवार का आरोप है कि पिछले 15 दिनों से लगातार एसआईआर का काम, रात-दिन फील्ड विजिट और धमकी भरे फोन कॉल्स के कारण वह मानसिक तनाव में थीं। उनके मोबाइल में कई अनजान नंबरों से 'लिस्ट जल्दी पूरा करो वरना देख लेंगे' जैसे संदेश प्राप्त हुए हैं।

Point of View

जिसमें चुनाव आयोग की नीतियों और कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगते हैं। यह न केवल एक व्यक्तिगत tragedia है, बल्कि यह व्यापक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे को भी दर्शाती है। ऐसे मामलों में हमें संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए और उचित सुधारों की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) एक प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मतदाता सूची को अद्यतन किया जाता है।
ममता बनर्जी ने इस मामले में क्या कहा?
ममता बनर्जी ने इस घटना को चुनाव आयोग की नीतियों का नतीजा बताया।
क्या इस घटना के कारण कोई कार्रवाई की गई है?
अभी तक इस घटना के संबंध में कोई आधिकारिक कार्रवाई की जानकारी नहीं मिली है।
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