क्या जम्मू-कश्मीर में जल संकट का समाधान हो गया? जल शक्ति विभाग की नई पहल

सारांश
Key Takeaways
- जल शक्ति विभाग ने तकनीकी विशेषज्ञता से जल उत्पादन बहाल किया।
- जम्मू नगर निगम ने टैंकरों के माध्यम से पानी का वितरण किया।
- 90 अतिरिक्त टैंकरों की तैनाती ने जल आपूर्ति को तेज किया।
- सभी जरूरतमंदों को समय पर राहत प्रदान की गई।
- जिला प्रशासन का सहयोग महत्वपूर्ण था।
श्रीनगर, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू में उत्पन्न जल संकट के दौरान जल शक्ति विभाग, जम्मू नगर निगम (जेएमसी) और जिला प्रशासन ने मिलकर संयुक्त प्रयास किया, जिससे शहर के लाखों लोगों को समय पर राहत मिल सकी। यह संकट हाल के वर्षों में जम्मू में आए सबसे गंभीर संकटों में से एक माना जा रहा है।
जल शक्ति विभाग ने इस आपातकाल में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और मानव संसाधन के माध्यम से सहायता प्रदान की। विभाग ने जल उत्पादन को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि पानी के वितरण की जिम्मेदारी जम्मू नगर निगम (जेएमसी) ने संभाली। जब तक जल आपूर्ति पूरी तरह से बहाल नहीं हुई, तब तक जेएमसी ने टैंकरों के माध्यम से पूरे शहर में पानी की सप्लाई की।
स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जम्मू के उपायुक्त ने तुरंत निर्णय लिया और 90 अतिरिक्त टैंकरों की एक नई फ्लीट तैनात की। इसके साथ ही, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत सभी निजी टैंकर ऑपरेटरों और बोरवेल संचालन को नियंत्रित किया गया। इस फैसले ने जल आपूर्ति को तेज गति प्रदान की और अगले छह दिनों में करीब 5,000 टैंकर ट्रिप्स शहर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाई गईं।
ये टैंकर अस्पतालों, वृद्धाश्रमों, पुलिस थानों, सामुदायिक केंद्रों और जल संकट से प्रभावित रिहायशी इलाकों में बिना किसी शुल्क के भेजे गए। इस आपात राहत के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी इलाके में पानी की कमी न हो और सभी जरूरतमंदों को समय पर सहायता मिले।
जल शक्ति विभाग ने जहां बड़े पैमाने पर जल उत्पादन को बहाल किया, वहीं जम्मू नगर निगम ने सुनियोजित वितरण प्रणाली के तहत पानी हर क्षेत्र तक पहुंचाया। जिला प्रशासन ने इस पूरे अभियान में नियमों का पालन और लॉजिस्टिक सपोर्ट देकर इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।