क्या जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने के मामले में डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने का मामला
- डॉक्टर आदिल की गिरफ्तारी
- सीसीटीवी फुटेज से हुई पहचान
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई
- स्थानीय पुलिस की सजगता
सहारनपुर, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर की पुलिस ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने के मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। टीम ने गुरुवार देर शाम एक निजी अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर आदिल को हिरासत में लेकर श्रीनगर के लिए रवाना किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, श्रीनगर पुलिस ने पहले इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से डॉक्टर की पहचान होने के बाद गिरफ्तारी की गई।
डॉ. आदिल अहमद, जो कि अब्दुल माजिद के पुत्र हैं और अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) के निवासी हैं, सहारनपुर के अंबाला रोड पर स्थित एक बड़े अस्पताल में एमबीबीएस एमडी के रूप में कार्यरत हैं। हाल ही में श्रीनगर के विभिन्न क्षेत्रों में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें आतंकवादी संगठन के समर्थन में संदेश दिए गए थे। पुलिस ने 28 अक्टूबर को इस मामले में केस दर्ज किया था। जांच के दौरान, पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें डॉ. आदिल पोस्टर लगाते हुए दिखाई दिए।
इसके पश्चात, श्रीनगर पुलिस ने उनके पैतृक गांव अनंतनाग में परिजनों से पूछताछ की और मोबाइल सर्विलांस के जरिए उनकी लोकेशन को ट्रेस करने में जुट गई। इसके बाद जम्मू पुलिस की टीम सहारनपुर पहुंची और स्थानीय पुलिस व एसओडी के सहयोग से अंबाला रोड के अस्पताल से डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने एसएसपी आशीष तिवारी से मुलाकात कर सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं। आरोपी को थाना सदर बाजार में पेश किया गया, जहां से अदालत ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर श्रीनगर पुलिस को सौंप दिया।
आदिल पहले दिल्ली रोड के एक बड़े अस्पताल में कार्यरत थे, लेकिन कुछ समय बाद अंबाला रोड के अस्पताल में नौकरी करने लगे। उन्होंने हाल ही में 4 अक्टूबर को एक महिला डॉक्टर से निकाह किया था।
वहीं, स्थानीय पुलिस भी अब अलर्ट मोड में आ गई है। जम्मू-कश्मीर के कई डॉक्टर सहारनपुर में प्रैक्टिस कर रहे हैं। एक निजी डॉक्टर के पास कई जम्मू-कश्मीर के लोग काम करते हैं। ऐसे में स्थानीय इंटेलिजेंस और पुलिस भी सतर्क हो गई है।