क्या जम्मू-कश्मीर के पुंछ में ऑर्गेनिक खेती की ट्रेनिंग से बढ़ेगा किसानों का उत्पादन?
सारांश
Key Takeaways
- जैविक खेती से उत्पादन में सुधार हो रहा है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम में 100 किसानों ने भाग लिया।
- किसानों को प्राकृतिक खादों के उपयोग की सलाह दी गई।
- प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशों के तहत कार्यक्रम आयोजित हुआ।
- जैविक खेती से आय में वृद्धि की उम्मीद है।
पुंछ, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में जिला कृषि विभाग ने कृषि विज्ञान केंद्र के साथ मिलकर किसानों के लिए जैविक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें लगभग 100 महिला एवं पुरुष किसान शामिल हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि अधिकारी तेजिन्दर सिंह बलवाल और कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. अजय गुप्ता ने की। दोनों विशेषज्ञों ने किसानों को जैविक खेती के लाभ, मिट्टी की उर्वरक क्षमता में सुधार और आय वृद्धि के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को यह भी बताया गया कि जिले में पिछले तीन वर्षों से जैविक खेती कर रहे किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया अपनानी चाहिए, ताकि उन्हें अधिक लाभ और योजनाओं की जानकारी मिल सके।
कृषि अधिकारी तेजिन्दर सिंह बलवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह पूरा कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देशों के तहत चल रही 10 क्लस्टर योजना का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 100 से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया, जो जिले में जैविक खेती के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
कार्यक्रम में शामिल किसान मोहम्मद सफीर ने बताया कि वे पूरी तरह जैविक खेती करते हैं और किसी प्रकार के रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करते।
उन्होंने कहा कि जैविक खेती से फसलों का उत्पादन अच्छा होता है और यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है। प्रधानमंत्री मोदी के आग्रह पर जिला कृषि विभाग ने हमें जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे हमें काफी लाभ मिला।
किसान जानकीनाथ ने बताया कि प्रोग्राम में किसानों को रासायनिक खाद के उपयोग को कम करने और गोबर जैसे प्राकृतिक खादों को अपनाने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद के प्रयोग से मेरी जमीन सख्त हो गई थी, लेकिन जैविक खाद का उपयोग करने के बाद मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार दिख रहा है और फसल उत्पादन भी बेहतर हो रहा है।