क्या जन्माष्टमी पर दिल्ली के बिड़ला मंदिर से लेकर हरिद्वार तक भक्तों की भीड़ उमड़ी?

Click to start listening
क्या जन्माष्टमी पर दिल्ली के बिड़ला मंदिर से लेकर हरिद्वार तक भक्तों की भीड़ उमड़ी?

सारांश

जन्माष्टमी के अवसर पर देशभर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। दिल्ली से हरिद्वार तक, श्रद्धालु भगवान कृष्ण के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े हैं। जानिए इस खास मौके पर मंदिरों में क्या कुछ खास हो रहा है और भक्तों के अनुभव क्या हैं।

Key Takeaways

  • जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है।
  • दिल्ली और हरिद्वार जैसे स्थानों पर भारी भीड़ होती है।
  • मंदिरों में विशेष पूजा और सजावट की जाती है।
  • भक्तों की खुशी और उत्साह अद्भुत होता है।
  • इस अवसर पर सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं।

नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जन्माष्टमी के अवसर पर देश भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। लोग आज के दिन भगवान कृष्ण के दर्शन करने के लिए मंदिरों में पहुंचकर अपनी दिन की शुरुआत कर रहे हैं।

इस दौरान, दिल्ली के बिड़ला मंदिर और मथुरा के हरिद्वार मंदिर में दर्शन के लिए आए कई भक्तों ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से अपनी अनुभूतियाँ साझा की। उन्होंने जन्माष्टमी के प्रति अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वे खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें यहाँ आने का अवसर प्राप्त हुआ। भक्तों ने कहा कि वे अपनी खुशी को शब्दों में नहीं व्यक्त कर सकते हैं।

दिल्ली एनसीआर के बिड़ला मंदिर के प्रशासक विनोद कुमार मिश्रा ने बताया, "मंदिर को लाइट और फूलों से सजाया गया है, और गीता भवन में रासलीला का कार्यक्रम है। सुबह 8 बजे से लेकर रात 12 बजे तक कृष्ण लीलाओं पर आधारित अलग-अलग प्रदर्शन किए जाएंगे। सुरक्षा के लिए हमने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।" उन्होंने कहा कि मंदिर का कार्यक्रम सुबह 4:30 बजे से शुरू हो चुका है और रात 11 बजे महाभिषेक होगा।

विनोद ने यह भी बताया कि यहाँ डेढ़ से दो लाख लोग दर्शन करने आते हैं और जन्माष्टमी के दिन यह संख्या और बढ़ जाती है।

बिड़ला मंदिर के पंडित आचार्य रामगोपाल शुक्ल ने कहा, "भगवान का यह संकल्प है कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़ेगा, वे किसी न किसी रूप में अवतरित होंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि इस मंदिर में जो वस्त्र भगवान के लिए आते हैं, वे वृंदावन से आते हैं।

वहीं, नोएडा के इस्कॉन मंदिर में भी भक्त धूमधाम से जन्माष्टमी की तैयारियों में जुटे हैं। मंदिर की प्रवक्ता प्रतिमा ने बताया कि यहाँ सुबह से ही राधे-राधे और जय श्री कृष्ण के जयकारे गूंज रहे हैं।

अब हरिद्वार के मंदिरों की बात करें तो यहाँ जन्माष्टमी को लेकर भव्य तैयारियाँ चल रही हैं। श्रद्धालु उपवास रखकर भगवान कृष्ण को भोग अर्पित करने की तैयारी कर रहे हैं। हरिद्वार में भक्ति और उल्लास का वातावरण है।

Point of View

जिसमें देश भर के भक्तों का उत्साह देखने को मिलता है। यह अवसर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि एकता और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।
NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

जन्माष्टमी क्या है?
जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है।
दिल्ली के बिड़ला मंदिर में जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?
बिड़ला मंदिर में विशेष पूजा, रासलीला और भव्य सजावट की जाती है।
हरिद्वार में जन्माष्टमी का माहौल कैसा होता है?
हरिद्वार में जन्माष्टमी के दिन भक्ति और उल्लास का माहौल होता है।
जन्माष्टमी पर कितने लोग मंदिरों में आते हैं?
जन्माष्टमी पर बिड़ला मंदिर में 1.5 से 2 लाख लोग आते हैं।
इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारी कैसी होती है?
इस्कॉन मंदिर में भक्त धूमधाम से तैयारियों में जुटे रहते हैं और विशेष पूजा आयोजित की जाती है।