क्या अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी को बचाने का संकल्प लिया?

सारांश
Key Takeaways
- जेपीएनआईसी का महत्व
- समाजवादी मूल्य की आवश्यकता
- भाजपा के खिलाफ आरोप
- महिलाओं के अधिकारों का समर्थन
- संघर्ष की आवश्यकता
लखनऊ, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर 'जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर' (जेपीएनआईसी) को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जेपीएनआईसी की दुर्दशा करने और इसे बर्बाद करने का आरोप लगाया।
अखिलेश यादव ने कहा, "हम सभी लोकनायक को याद कर रहे हैं। जेपीएनआईसी, जो उनकी याद में स्थापित किया गया था, एक खूबसूरत इमारत थी। भाजपा ने इसकी दुर्दशा की है और इसे छिपाने का प्रयास कर रही है ताकि कोई भी इस बर्बादी को न देख सके। हम संकल्प लेते हैं कि जेपीएनआईसी को बिकने नहीं देंगे।"
उन्होंने जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति के नारे को आज भी प्रासंगिक बताते हुए कहा, "देश को उसी रास्ते की आवश्यकता है। हमारा देश तभी खुशहाल होगा जब समाजवादी मूल्यों पर चलेगा। समाजवादियों को जेपी से विरासत में मिले सिद्धांतों को हम आगे बढ़ाएंगे। जेपीएनआईसी से हमारा भावनात्मक जुड़ाव है। यह पूरे देश में किसी सोशलिस्ट नेता को समर्पित सबसे बेहतरीन स्मारक और संग्रहालय था।"
अखिलेश ने रायबरेली की घटना का उल्लेख करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "ये लोग कानून और न्यायालय पर भरोसा नहीं करते, बल्कि हिंसा का रास्ता अपनाते हैं। जब मुख्यमंत्री की सोच ही बुलडोजर जैसी होगी, तो ऐसी घटनाएं होंगी। जेपी का सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है, और हम किसानों और जनता से उनके रास्ते पर चलकर इस सरकार को हटाने का आह्वान करते हैं।"
उन्होंने समाजवादी कार्यकर्ताओं से जमीन पर संघर्ष तेज करने का आह्वान करते हुए कहा, "हमें समझ आ गया है कि जितना हम जमीन पर काम करेंगे, उतनी ही हमारी लड़ाई कामयाब होगी। हम जेपी के रास्ते पर चलकर संघर्ष करेंगे।"
अखिलेश यादव ने बिहार चुनाव का भी उल्लेख किया और कहा, "लखनऊ में जेपीएनआईसी जैसा स्मारक बनना और उसकी इस सरकार ने ऐसी हालत कर दी। बिहार में इन्हीं के नाम पर ये लोग वोट मांगेंगे, किस मुंह से वोट मांगेंगे?"
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार चुनाव में जहां बुलाया जाएगा, हम लोग जाएंगे। इस दौरान अखिलेश यादव ने महिलाओं के अधिकारों पर कहा, "महिलाओं को बराबर का अधिकार मिले। आधी आबादी के बिना कोई भी समाज खुशहाल नहीं हो सकता है।"