क्या मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन ने अहमदाबाद में 10वें स्टील ब्रिज का लोकार्पण किया?

सारांश
Key Takeaways
- मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का 10वां स्टील ब्रिज लोकार्पित हुआ।
- ब्रिज की लंबाई 60 मीटर है और इसे 7 घंटों में स्थापित किया गया।
- इसमें 20,360 टोर-शियर टाइप बोल्ट का उपयोग किया गया है।
- यह परियोजना हाई-स्पीड रेल प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- यह क्षेत्र में रोजगार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी।
अहमदाबाद, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना ने एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद जिले में इस परियोजना के 10वें स्टील ब्रिज का सफलतापूर्वक लोकार्पण किया गया।
यह ब्रिज अहमदाबाद में लोकार्पित किया गया पहला स्टील ब्रिज है, जो पश्चिमी रेलवे की लॉन्ड्री सुविधा के ऊपर रेलवे ट्रैक के निकट स्थापित किया गया है। 60 मीटर लंबा यह ब्रिज केवल 7 घंटों में सावधानीपूर्वक योजना और सटीकता के साथ लोकार्पित किया गया।
इस 485 मीट्रिक टन वजनी ब्रिज की ऊंचाई 12 मीटर और चौड़ाई 11.4 मीटर है। इसे वर्धा (नागपुर, महाराष्ट्र) की एक विशेष कार्यशाला में तैयार किया गया और विशेष ट्रेलरों के माध्यम से अहमदाबाद लाया गया। ब्रिज में 20,360 टोर-शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ (टीटीएचएस) बोल्ट का उपयोग किया गया है, जिन्हें सी5 सिस्टम सुरक्षात्मक पेंटिंग और इलास्टोमेरिक बियरिंग्स से कवर किया गया है ताकि इसकी स्थायित्व और कंपन नियंत्रण सुनिश्चित हो सके।
लोकार्पण के लिए इस ब्रिज को 16.5 मीटर की ऊंचाई पर अस्थायी ट्रेस्टल्स पर स्थापित किया गया। दो 200-टन क्षमता वाले अर्ध-स्वचालित जैक और लॉकिंग ट्रॉलियों का उपयोग कर अनुप्रस्थ स्लीविंग की गई। संरचना को मजबूती प्रदान करने के लिए 35x60 मीटर का अस्थायी प्लेटफॉर्म बनाया गया और ट्रैक बीम को सहारा देने के लिए अतिरिक्त ब्रैकेट लगाए गए। कुल 14 स्किड व्यवस्थाओं का उपयोग किया गया, जिनमें चार अनुप्रस्थ प्रक्षेपण के लिए थीं।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में कुल 28 स्टील ब्रिज बनाए जाएंगे, जिनमें से 17 गुजरात और 11 महाराष्ट्र में होंगे। अहमदाबाद में यह वायडक्ट रेलवे ट्रैक, फ्लाईओवर, नहर, साबरमती नदी पर पुल और छह स्टील पुलों सहित 31 क्रॉसिंग से गुजरेगा। यह परियोजना भारत की हाई-स्पीड रेल प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा समय को 320 किमी/घंटा की रफ्तार से महज 2 घंटे तक कम कर देगी।
राष्ट्रीय हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की है। अधिकारियों का कहना है कि यह ब्रिज परियोजना की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और समयबद्धता का प्रतीक है। स्थानीय लोग भी इस विकास से उत्साहित हैं, क्योंकि यह क्षेत्र में रोजगार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा।