क्या जेडीयू ने दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और वंचितों की आवाज को दबाया? अर्पणा कुमारी का बयान

सारांश
Key Takeaways
- जेडीयू पर आरोप कि उन्होंने दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और वंचितों की आवाज़ को दबाया।
- बिहपुर की समस्याएं: बाढ़ और उद्योग की कमी।
- महागठबंधन का बढ़ता विश्वास।
- अर्पणा कुमारी का संकल्प: समग्र विकास।
- शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार की आवश्यकता।
भागलपुर, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की उम्मीदवार अर्पणा कुमारी ने जेडीयू पर कड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि जेडीयू ने दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और वंचितों की आवाज़ को कुचला है।
अर्पणा कुमारी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मैं पहले जेडीयू की समर्थक थी, लेकिन अब महागठबंधन के साथ शामिल हो गई हूं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने हमें सिखाया है कि हमें दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और वंचितों की आवाज बनना चाहिए। मैं इसी उद्देश्य के लिए चुनावी मैदान में हूं। वर्तमान सरकार दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और वंचितों की आवाज़ को दबा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहपुर विधानसभा की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है। केले और मकई का अधिक उत्पादन होते हुए भी यहां कोई फूड प्रोसेसिंग उद्योग नहीं है, जिससे यहाँ की जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
अर्पणा कुमारी ने वर्तमान सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सभी लोग इस सरकार से परेशान हैं। यदि जनता ने मुझे अवसर दिया, तो मेरा संकल्प है कि बिहपुर का समग्र विकास होगा और जनता की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा। मैं कई वर्षों से जनता की समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रही हूं।
उन्होंने बताया कि आजकल अस्पतालों में मरीजों का उचित इलाज नहीं हो पा रहा है और लोग सरकारी अस्पतालों में जाने से कतराते हैं। शिक्षा की स्थिति भी बहुत खराब है; यहाँ कक्षाएं हैं, लेकिन शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे बिहार लगातार शिक्षा के क्षेत्र में पीछे जा रहा है।
अर्पणा कुमारी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। जनता को महागठबंधन पर विश्वास है, इसलिए वे एनडीए सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने जा रहे हैं। महागठबंधन के नेतृत्व में बिहार में विकास होगा। वर्तमान सरकार केवल वादे करती है, लेकिन चुनाव के बाद सब कुछ भूल जाती है। हम बिहार में पलायन रोकने पर काम करेंगे।