क्या जीणमाता लक्खी मेले में भक्तों का सैलाब उमड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- जीणमाता लक्खी मेले में एक लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए।
- सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और पुलिस तैनात हैं।
- श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए पेयजल और कूलर लगाए गए हैं।
- अष्टमी और नवमी के दिन भीड़ बढ़ने की संभावना है।
- मेले की सफल व्यवस्थाएं प्रशंसा का विषय हैं।
सीकर, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के सीकर में स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्ति पीठ जीणमाता मंदिर के लक्खी मेले में भक्तों की भारी भीड़ का नजारा देखने को मिल रहा है। रविवार सुबह से ही मंदिर के परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं। अब तक एक लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों से भक्त माता के दरबार में माथा टेकने के लिए आते हैं। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही भक्तों का यह कारवां शुरू हो जाता है। अष्टमी और नवमी के चलते अगले कुछ दिनों में मेले में और भी अधिक भीड़ रहने की संभावना है।
पुजारी राहुल पाराशर ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि नवरात्रि में प्रतिदिन फूलों से भव्य शृंगार कर महाआरती की जा रही है। मंदिर कमेटी ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं का खास ध्यान रखा है। पेयजल के साथ साथ गर्मी को देखते हुए कूलर और पंखे लगाए गए हैं। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन और मंदिर कमेटी दोनों व्यवस्थाओं पर ध्यान रख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पूरे मेले परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर जगह पुलिस के जवान, होमगार्ड और आरएसी के जवान तैनात हैं, ताकि भक्तों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और कोई अप्रिय घटना न हो। जिला प्रशासन लगातार मेले की निगरानी कर रहा है।
पुजारी ने बताया कि कोलकाता और महाराष्ट्र से माता के लिए पूजा सामग्री लाया गया है। रविवार के कारण भीड़ काफी बढ़ गई है। अष्टमी और नवमी के दिन भी भव्य शृंगार किया जाएगा। भीड़ को देखते हुए उचित प्रबंध किए गए हैं, ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो।
श्रद्धालुओं ने बताया कि वे पहले खाटू श्यामजी के दर्शन करने के बाद यहां आ रहे हैं। माताएं अपने छोटे बच्चों के साथ आई हैं और प्रशासन से अलग लाइन की व्यवस्था करने की गुजारिश कर रही हैं। बाकी व्यवस्थाएं सही हैं।