क्या जेवर एयरपोर्ट से गंगा एक्सप्रेसवे तक कॉरिडोर बनेगा?
सारांश
Key Takeaways
- जेवर एयरपोर्ट से गंगा एक्सप्रेसवे तक कॉरिडोर का निर्माण होगा।
- 1,246 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- यह परियोजना औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी।
- निवेश और रोजगार सृजन में मददगार होगी।
- भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
लखनऊ, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार ने औद्योगिक विकास और वैश्विक कनेक्टिविटी में नई रफ्तार लाने के लिए जेवर एयरपोर्ट से गंगा एक्सप्रेसवे तक एक प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 1,246 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है।
इस निधि का उपयोग भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज करने में किया जाएगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय निवेश, लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक विकास के वैश्विक मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के माध्यम से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) को सीधे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिससे माल परिवहन, निर्यात, औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला और यात्री आवागमन में तेजी आएगी। सरकार का मानना है कि यह कॉरिडोर प्रदेश में निवेश आकर्षण, रोजगार सृजन और औद्योगिक क्लस्टर्स के विकास को अभूतपूर्व गति देगा।
अनुपूरक बजट में औद्योगिक और अवस्थापना विकास को समर्थन देते हुए गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए बीजीएफ के अंतर्गत 1,835 करोड़ रुपए तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इस धनराशि के माध्यम से एक्सप्रेसवे के विकास में आ रही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के 292 किलोमीटर हिस्से में नए जन सुविधा परिसर एवं वाहन पार्किंग स्थलों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपए का प्रतीक मांग रखी गई है, जिसे अनुदानों में बचत से वहन किया जाएगा।
औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विभिन्न निवेश प्रोत्साहन नीतियों के तहत भी भारी धनराशि प्रस्तावित की है। त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 के लिए 75 करोड़ रुपए, फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एवं फॉर्च्यून-500 कंपनियों के लिए 371.69 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के अंतर्गत 23.03 करोड़ रुपए और औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के लिए 823.43 करोड़ रुपए की राशि प्रस्तावित की गई है।
इसके अतिरिक्त, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास नीति 2012 के लिए 100 करोड़ रुपए और औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन को सुदृढ़ करने के लिए जिला उद्योग केंद्र के अधिष्ठान व्यय हेतु 1.5 करोड़ रुपए और उद्योग निदेशालय के अधिष्ठान व्यय के लिए भी 1.5 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। वहीं, हथकरघा क्षेत्र में पीएम मित्र पार्क के संचालन के लिए वृक्ष पातन एवं प्रतिपूरक पौधरोपण शुल्क के भुगतान हेतु 85 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।