क्या झारखंड में सूर्या हांसदा एनकाउंटर और रिम्स-टू स्थानांतरण के मुद्दे पर 11 सितंबर को भाजपा का राज्यव्यापी प्रदर्शन होगा?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा का आंदोलन आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए है।
- सूर्या हांसदा एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग की गई है।
- रिम्स-टू अस्पताल के स्थानांतरण का विरोध हो रहा है।
- नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- आंदोलन 11 सितंबर को होगा।
रांची, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर की सीबीआई जांच और रांची में प्रस्तावित रिम्स-टू अस्पताल के स्थानांतरण के संबंध में एक राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है।
झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन दोनों मुद्दों पर 11 सितंबर को पार्टी झारखंड के सभी प्रखंड मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी। अगर सरकार इन मांगों को नजरअंदाज करती है, तो पार्टी एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी।
बाबूलाल मरांडी ने कहा, ''सरकार आदिवासियों, दलितों और गरीबों की भलाई की बात करती है, लेकिन हकीकत यह है कि सबसे ज्यादा उत्पीड़न और हिंसा आदिवासियों के साथ हो रही है। पार्टी उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।''
उन्होंने सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि संथाल परगना क्षेत्र में भ्रष्ट अधिकारियों और माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने पर हांसदा को इलेक्ट्रिक शॉक देकर हत्या कर दी गई और इसे एनकाउंटर के रूप में प्रस्तुत किया गया। एनकाउंटर स्थल पर खून का कोई धब्बा नहीं मिला। यह साफ करता है कि उन्हें पहले मारा गया और फिर वहां फेंका गया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस कांड की सच्चाई केवल सीबीआई जांच के माध्यम से ही सामने आएगी। रांची के नगड़ी में रिम्स-टू मेडिकल कॉलेज के निर्माण की सरकार की योजना का विरोध करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि यहां रैयतों की खेती योग्य भूमि जबरन छीनी जा रही है, जबकि राज्य में पर्याप्त बंजर भूमि उपलब्ध है, जहाँ इसका निर्माण किया जा सकता है।
बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि खुद को आदिवासियों और मूलवासियों का हितैषी बताने वाली हेमंत सरकार में आदिवासी समुदाय के अधिकार सबसे ज्यादा कुचले जा रहे हैं। पार्टी का यह आंदोलन न्याय की मांग और आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए है।