क्या झारखंड में रांची में चंगाई सभा के नाम पर धर्मांतरण का रैकेट चल रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- झारखंड में चंगाई सभाओं का आयोजन हो रहा है।
- धर्मांतरण की गतिविधियों पर भाजपा ने आरोप लगाया है।
- सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- आदिवासी समुदाय का विरोध सामने आया है।
- चमत्कारों का दावा किया जा रहा है।
रांची, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड की सरकार पर धर्मांतरण की गतिविधियों को संचालित करने वालों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने बुधवार को प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य सरकार के मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय से केवल पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित चांद गांव में लंबे समय से गैरकानूनी तरीके से चंगाई सभाओं का आयोजन हो रहा है, जिसमें धर्मांतरण की गतिविधियां चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभाओं में बड़े-बड़े चमत्कारों का दावा किया जाता है और अंधविश्वास फैलाकर लोगों को धर्मांतरण की ओर आकर्षित किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि हरदाग पंचायत के अंतर्गत चांद गांव की ग्रामसभा ने इन सभाओं के खिलाफ लिखित विरोध दर्ज कराया और तत्काल रोक लगाने की मांग की, लेकिन राज्य सरकार और पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
प्रतुल ने इसे सरकार की तुष्टीकरण नीति का एक उदाहरण बताया और सवाल उठाया कि जब आदिवासी समुदाय इन गतिविधियों का विरोध कर रहा है, तो सरकार क्यों चुप्पी साधे हुए है। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार के दोनों कार्यकाल में पूरे राज्य में चंगाई सभाओं का आयोजन लगातार हो रहा है, और राज्य प्रशासन तुष्टीकरण के कारण इन पर रोक लगाने में विफल रहा है।
उन्होंने झारखंड में हाल ही में चर्च से जुड़े ‘महाअभिषेक’ शब्द का उल्लेख किया और इसे लोगों को भ्रमित करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले एक चर्च ने माता मरियम को आदिवासी संस्कृति की पहचान ‘लाल पाड़ वाली साड़ी’ पहनाकर स्थानीय आदिवासियों को भटकाने का प्रयास किया। प्रतुल शाहदेव ने झारखंड में गैरकानूनी चंगाई सभाओं पर तुरंत रोक लगाने की मांग की, जहां चमत्कार का दावा कर धर्मांतरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।