क्या झारखंड में हाथियों के मूवमेंट के कारण 18 लोकल ट्रेनें रद्द हुईं और सड़क यातायात प्रभावित हुआ?

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क्या झारखंड में हाथियों के मूवमेंट के कारण 18 लोकल ट्रेनें रद्द हुईं और सड़क यातायात प्रभावित हुआ?

सारांश

झारखंड में जंगली हाथियों की गतिविधियों के कारण 18 लोकल ट्रेनें रद्द हो गई हैं, जिससे यातायात में भारी बाधा उत्पन्न हुई है। जानिए इस संकट से प्रभावित यात्रियों के अनुभव और रेलवे की जिम्मेदारी के बारे में।

Key Takeaways

  • झारखंड में हाथियों के मूवमेंट ने रेल और सड़क यातायात को प्रभावित किया।
  • 18 लोकल ट्रेनों को रद्द किया गया है।
  • यातायात को सामान्य करने के लिए वन विभाग ने त्वरित कार्यवाही की।
  • हाथियों के हमलों में पिछले एक सप्ताह में छह लोग मारे गए हैं।
  • रेलवे ने वन्यजीव सुरक्षा के लिए सराहनीय कदम उठाए हैं।

रांची, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में जंगली हाथियों के मूवमेंट के कारण रेल और सड़क यातायात पर लगातार असर पड़ रहा है। चक्रधरपुर रेल मंडल के तहत मनोहरपुर से झारसुगड़ा रेल खंड में हाथियों की निरंतर आवाजाही के चलते 25 से 28 दिसंबर तक कुल 18 लोकल ट्रेनों को चार दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है।

रद्द की गई ट्रेनों में टाटानगर–राउरकेला–टाटानगर मेमू, चक्रधरपुर–राउरकेला–चक्रधरपुर मेमू, टाटा–बड़बिल–टाटा मेमू, टाटा–गुवा–टाटा मेमू, टाटा–चक्रधरपुर–टाटा, और टाटा–खड़गपुर–टाटा मेमू समेत अन्य लोकल ट्रेनें शामिल हैं। निरंतर ट्रेन रद्द होने से छोटे स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं रेलवे के राजस्व पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

हालांकि, इसी रेल मंडल में हाल ही में वन्यजीव संरक्षण का एक सकारात्मक उदाहरण भी देखने को मिला है। हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर बिसरा और बंडामुंडा केबिन ‘ए’ के बीच 22 हाथियों का झुंड ट्रैक पार कर रहा था। हाथियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रेलवे ने तुरंत 12 लंबी दूरी की ट्रेनों को अस्थायी रूप से रोक दिया। इस त्वरित कार्रवाई से किसी भी प्रकार की दुर्घटना नहीं हुई।

इस सराहनीय पहल के लिए वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने चक्रधरपुर रेल मंडल को सम्मानित किया है। बुधवार देर शाम हाथियों की मौजूदगी के कारण रांची-रामगढ़ को जोड़ने वाले व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पर यातायात प्रभावित हुआ। 18 जंगली हाथियों का झुंड अचानक सड़क के पास आ गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। एहतियातन पुलिस और प्रशासन ने दोनों ओर से वाहनों को रोक दिया।

रामगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को मायाटुंगरी पहाड़ के पास, जबकि रांची की ओर से आने वाले वाहनों को चुटूपालू घाटी के खराबेड़ा क्षेत्र में रोका गया। करीब एक घंटे तक एनएच-33 पर आवागमन पूरी तरह ठप रहा। सूचना मिलते ही वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम मौके पर पहुंची और मशाल, टॉर्च व सायरन की मदद से हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा गया। बाद में यातायात सामान्य हो सका। बीते एक सप्ताह में हाथियों के हमले में छह लोगों की मौत हो चुकी है।

Point of View

बल्कि वन्यजीव संरक्षण की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण पहल है। रेलवे का त्वरित निर्णय दर्शाता है कि जब बात सुरक्षा की होती है, तो प्राथमिकता हमेशा मानव जीवन और वन्यजीवों की सुरक्षा होनी चाहिए।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

हाथियों के मूवमेंट के कारण कौन सी ट्रेनें रद्द हुईं?
हाथियों के मूवमेंट के कारण टाटानगर–राउरकेला मेमू, चक्रधरपुर–राउरकेला मेमू समेत अन्य 18 लोकल ट्रेनों को रद्द किया गया।
यह घटना कब तक जारी रहेगी?
यह घटना 25 से 28 दिसंबर तक जारी रहेगी, इस दौरान ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित रहेगी।
क्या रेलवे ने कोई कदम उठाया है?
जी हां, रेलवे ने हाथियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई लंबी दूरी की ट्रेनों को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
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