क्या जमशेदपुर में किसानों के लिए सशक्तिकरण कार्यशाला ने उन्नत खेती की दिशा में कदम बढ़ाए?

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क्या जमशेदपुर में किसानों के लिए सशक्तिकरण कार्यशाला ने उन्नत खेती की दिशा में कदम बढ़ाए?

सारांश

जमशेदपुर में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में किसानों को उन्नत खेती के नए तरीकों और लाभकारी उपायों से अवगत कराया गया। सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को संगठित करने के प्रयासों की सराहना की गई। इस कार्यशाला ने किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन का मार्गदर्शन प्रदान किया।

Key Takeaways

  • उन्नत खेती तकनीक का महत्व
  • कम लागत में उत्पादन के उपाय
  • सहकारी समितियों की भूमिका
  • किसानों को नई तकनीकों के लिए प्रेरित करना
  • बिचौलियों से मुक्ति का मार्गदर्शन

जमशेदपुर, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जमशेदपुर के सिदगोड़ा टाउन हॉल में शुक्रवार को एक दिवसीय बहुदेशीय सहकारी समिति (लेम्प्स) सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य जिले के किसानों को खेती-किसानी की आधुनिक तकनीक, कम लागत में उत्पादन और अधिक लाभ अर्जित करने के उपायों से अवगत कराना था।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिले के एडीसी (अपर उपायुक्त) भगीरथ प्रसाद उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को संगठित किया जा सकता है, जिससे न केवल उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी बल्कि उन्हें बाजार में उचित मूल्य भी प्राप्त होगा।

कार्यशाला में सहकारिता विभाग की पदाधिकारी आशा टोप्पो ने बताया कि लेम्प्स की भूमिका गांव-गांव तक पहुंचकर किसानों को सशक्त बनाने की है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर वैज्ञानिक तकनीक और योजनाओं से जुड़ना होगा।

इस अवसर पर रांची से आए कृषि विशेषज्ञ अधिकारियों ने किसानों को उन्नत बीज, मृदा परीक्षण, सिंचाई के बेहतर विकल्प, जैविक खाद और कीट प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह कम लागत में उच्च उत्पादन किया जा सकता है और बाजार तक सीधी पहुंच बनाकर किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाई जा सकती है।

कार्यशाला में लेम्प्स (लार्ज साइज्ड आदिवासी मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी) के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें बताया गया कि वे अपने-अपने गांवों में किसानों तक सही जानकारी पहुंचाएं और खेती की नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करें।

एडीसी भगीरथ प्रसाद ने कहा कि आज किसानों को केवल खाद्यान्न उत्पादन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि नकदी फसलों, बागवानी, औषधीय पौधों और डेयरी जैसे अन्य क्षेत्रों की ओर भी कदम बढ़ाना चाहिए। सहकारिता विभाग और लेम्प्स इस दिशा में किसानों के सहयोगी बनेंगे।

इस कार्यशाला में जिले के विभिन्न प्रखंडों से कई किसान शामिल हुए। किसानों ने बताया कि उन्हें इस कार्यशाला से खेती के नए तरीकों की जानकारी प्राप्त हुई। खास तौर पर, कम खर्च में आधुनिक खेती करने और ज्यादा मुनाफा कमाने के सरल तरीके सीखने को मिले।

Point of View

बल्कि उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में भी मदद करती हैं। सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को संगठित करना एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य क्या था?
कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को आधुनिक खेती की तकनीक और लाभकारी उपायों के बारे में जानकारी देना था।
क्या किसानों को सहकारी समितियों से लाभ होगा?
हाँ, सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को संगठित किया जा सकता है, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और बाजार मूल्य में सुधार होगा।
कार्यशाला में किस प्रकार के विषयों पर चर्चा हुई?
कार्यशाला में उन्नत बीज, मृदा परीक्षण, सिंचाई के विकल्प, जैविक खाद और कीट प्रबंधन पर चर्चा हुई।