क्या झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ हुई?

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क्या झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ हुई?

सारांश

झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की अंत्येष्टि जमशेदपुर में राजकीय सम्मान के साथ की गई। उनके अंतिम दर्शन में हजारों लोगों की भीड़ जुटी और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस लेख में हम उनकी जीवन यात्रा और योगदान पर एक नज़र डालेंगे।

Key Takeaways

  • रामदास सोरेन का निधन झारखंड के लिए एक बड़ी क्षति है।
  • उनकी अंत्येष्टि में हजारों लोगों ने भाग लिया।
  • सोरेन ने शिक्षा में कई महत्वपूर्ण सुधार किए।

जमशेदपुर, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के दिवंगत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता तथा निबंधन विभाग के मंत्री रामदास सोरेन की अंत्येष्टि जमशेदपुर के घोड़ाबांधा में शनिवार शाम राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुई। उनके ज्येष्ठ पुत्र ने मुखाग्नि दी।

इससे पूर्व उन्हें सशस्त्र सलामी दी गई। इस अवसर पर हजारों समर्थकों और स्थानीय निवासियों ने “रामदास सोरेन अमर रहें” के नारे लगाए। रामदास सोरेन का निधन शुक्रवार की रात दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में हुआ था। उनका पार्थिव शरीर शनिवार को दिल्ली से रांची लाया गया। यहां विधानसभा में उन्हें राजकीय विदाई दी गई।

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों और कई राजनेताओं ने पुष्प चक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका शव उनके विधानसभा क्षेत्र घाटशिला ले जाया गया, जहां एचसीएल ग्राउंड में हजारों लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। रांची से घाटशिला और जमशेदपुर के मार्ग में उनके पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए जगह-जगह लोग एकत्रित थे।

उनके निधन के शोक में शनिवार को जमशेदपुर के घोड़ाबांधा में सभी दुकानें बंद रहीं। सोरेन अपने परिवार के साथ यहीं निवास करते थे। उनकी अंतिम यात्रा में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मंत्री चंपई सोरेन, पूर्व मंत्री दिनेश षाड़ंगी, मंत्री दीपक बिरुआ, दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी, पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू, विधायक समीर मोहंती, संजीव सरदार और अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

दो अगस्त को अपने आवास पर गिरने से गंभीर रूप से घायल हुए सोरेन को रांची में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर चिकित्सा के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल भेजा गया था। कई दिन लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। झामुमो के वरिष्ठ नेता और घाटशिला के विधायक रहे रामदास सोरेन ने शिक्षा मंत्री के रूप में राज्य के शैक्षणिक विकास में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

झारखंड आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। जनता उन्हें सुलभ और संघर्षशील नेता के रूप में याद करती है।

Point of View

रामदास सोरेन का निधन केवल झारखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षति है। उनकी सक्रियता और नेतृत्व ने राज्य के शैक्षणिक विकास में अहम भूमिका निभाई।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

रामदास सोरेन का योगदान क्या था?
रामदास सोरेन ने शिक्षा मंत्री के रूप में राज्य के शैक्षणिक विकास में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
उनका निधन कब हुआ?
उनका निधन 15 अगस्त को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ।
उनकी अंत्येष्टि कब हुई?
उनकी अंत्येष्टि 16 अगस्त को जमशेदपुर में राजकीय सम्मान के साथ हुई।