क्या झारखंड में एक विधवा महिला को डायन बताकर निर्वस्त्र कर पीटा गया?

सारांश
Key Takeaways
- अंधविश्वास समाज में गंभीर समस्या है।
- महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन किया गया।
- पुलिस ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
- समाज को शिक्षा और जागरूकता की आवश्यकता है।
- ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है।
हजारीबाग, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के हजारीबाग जिले में एक विधवा महिला के साथ हुई दरिंदगी की घटना ने सभी को चौंका दिया है। आरोपियों ने महिला के घर में घुसकर उसे निर्वस्त्र कर पीटा, उसके शरीर के कई हिस्सों को ब्लेड से काटकर खून बहाया और तांत्रिक अनुष्ठान किया।
इसके बाद, उसे जबरन बिहार के गया ले जाकर उसका सिर मुंडवाया गया। डायन मुक्ति के नाम पर महिला और उसके बेटे से 30 हजार रुपये भी वसूले गए। यह घटना हजारीबाग के बरही थाना क्षेत्र के जरहिया गांव में हुई।
पीड़िता ने रविवार रात बरही थाना पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। महिला ने बताया कि शुक्रवार शाम गांव के सात लोग उसके घर पहुंचे और उसे डायन होने का आरोप लगाते हुए बाहर खींच लिया। उसके कपड़े उतार दिए गए। फिर उसे पीटा गया और शरीर पर ब्लेड से जख्म कर खून निकाला गया। खून का उपयोग कर तांत्रिक अनुष्ठान किया गया।
इसके बाद आरोपी उसे जबरन घर से उठाकर ले गए। बरही से गया जिले के प्रेतशिला ले जाकर उसका सिर मुंडवाया गया। वहां भी मारपीट की गई। आरोपी बार-बार कहते रहे कि उसे ‘डायन-बिसाही’ से मुक्ति दिलाई जा रही है। इसके नाम पर महिला और उसके बेटे से 30 हजार रुपये भी वसूले गए।
शनिवार रात करीब 10 बजे आरोपी महिला को बरही बाजार में छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह वह अपने घर लौटी। डरी और सहमी महिला ने रविवार रात हिम्मत करके बरही थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने कहा कि इस अमानवीय कृत्य में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।