क्या झारखंड के सारंडा में आईईडी विस्फोट में घायल सीआरपीएफ इंस्पेक्टर का निधन हुआ?

Click to start listening
क्या झारखंड के सारंडा में आईईडी विस्फोट में घायल सीआरपीएफ इंस्पेक्टर का निधन हुआ?

सारांश

झारखंड के सारंडा जंगल में हुए आईईडी विस्फोट में घायल सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा का निधन हो गया। यह घटना माओवादी गतिविधियों के दौरान हुई, जिसमें अन्य जवान भी घायल हुए। जानिए इस दर्दनाक घटना के बारे में।

Key Takeaways

  • कौशल कुमार मिश्रा का निधन एक दुखद घटना है।
  • सारंडा जंगल में माओवादी गतिविधियाँ अभी भी जारी हैं।
  • सुरक्षा बलों को आईईडी से जूझना पड़ रहा है।

चाईबासा, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में 10 अक्टूबर को हुए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में घायल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा (58) का गुरुवार को दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। मिश्रा को विस्फोट में गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद उन्हें पहले राउरकेला और फिर बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था।

कौशल कुमार मिश्रा सीआरपीएफ की 60वीं बटालियन में तैनात थे। सारंडा में चल रहे माओवाद विरोधी अभियान के दौरान 10 अक्टूबर को जवानों की टुकड़ी जंगल में सर्च ऑपरेशन पर निकली थी। इसी दौरान माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से जोरदार विस्फोट हुआ। विस्फोट में असम निवासी सीआरपीएफ के हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर (45) की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि इंस्पेक्टर कौशल मिश्रा और एएसआई रामकृष्ण गागराई गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

घटना के बाद घायलों को हेलीकॉप्टर से राउरकेला ले जाया गया, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद कौशल कुमार मिश्रा को दिल्ली एम्स भेजा गया। करीब तीन सप्ताह तक उनका उपचार चला। गुरुवार तड़के स्थिति बिगड़ने पर उन्होंने एम्स में दम तोड़ दिया।

खरसावां के विधायक दशरथ गागराई के भाई एएसआई रामकृष्ण गागराई अभी भी एम्स में उपचाराधीन हैं। इंस्पेक्टर कौशल मिश्रा मूलरूप से बिहार के रहने वाले थे और लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात थे। सारंडा वन क्षेत्र झारखंड में माओवादियों का पुराना ठिकाना रहा है। पिछले दो वर्षों से सुरक्षा बल यहां लगातार अभियान चला रहे हैं।

नक्सलियों द्वारा जंगल में कई स्थानों पर लगाए गए आईईडी अब भी सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं। चार दिन पहले भी इस जंगल में एक बच्ची की आईईडी की चपेट में आने से मौत हो गई थी।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि ऐसे घटनाक्रम हमें सुरक्षा बलों की चुनौतियों के प्रति सजग करते हैं। नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए संघर्ष जारी है और हमें इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

कौन थे कौशल कुमार मिश्रा?
कौशल कुमार मिश्रा सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर थे जो सारंडा जंगल में माओवादी विरोधी अभियान में तैनात थे।
कब हुआ विस्फोट?
यह विस्फोट 10 अक्टूबर को हुआ था।
कितने लोग घायल हुए थे?
इस विस्फोट में इंस्पेक्टर कौशल मिश्रा और एएसआई रामकृष्ण गागराई गंभीर रूप से घायल हुए थे।
कौशल कुमार मिश्रा का इलाज कहां हुआ?
उनका इलाज पहले राउरकेला में और फिर दिल्ली एम्स में हुआ।
क्या इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
हाँ, नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं।