क्या झारखंड सरकार इरफान अंसारी को मंत्रीपद से बर्खास्त करेगी?
सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक बयानबाजी में तेजी आई है।
- भाजपा ने मंत्री की बर्खास्तगी की मांग की।
- राजनाथ सिंह के बयान का समर्थन किया गया।
- सिंध की ऐतिहासिक महत्वता पर चर्चा हुई।
- झारखंड की राजनीति में उठा विवाद।
रांची, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड सरकार के मंत्री एवं कांग्रेस नेता इरफान अंसारी द्वारा बीएलओ पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद राजनीतिक बयानबाजी में तेजी आई है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड सरकार से अनुरोध किया है कि अंसारी को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "ऐसी बातें केवल झारखंड से ही निकल सकती हैं, जब सरकार के एक मंत्री अपने जूनियर अधिकारियों को यह कहें कि जब चुनाव आयोग के कर्मचारी अपने चुनावी दायित्व को निभाने जाएं, तो उन्हें पकड़कर घर में बांध लें। मंत्री ने देश के संविधान और कानून के प्रति शपथ ली है और जब वह ऐसी बातें करेंगे, तो यह उचित नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "कुछ राजनीतिक दलों को एसआईआर का डर क्यों सताता है? क्या वे पलायन किए लोगों के वोट से जीतते हैं? जो राग कांग्रेस के युवा नेता, राहुल गांधी, अपनाते हैं, वही उनके नीचे के नेता भी गाने लगते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने सारी सीमाएं पार कर दी हैं। अपने ही कर्मचारियों को पीटवाने और बंधक बनाने की बातें कर रहे हैं। वे एक तरह से सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उन्हें तुरंत कैबिनेट से बर्खास्त करना चाहिए।"
शाहदेव ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सिंध पर दिए बयान का समर्थन करते हुए कहा, "राजनाथ सिंह ने बहुत महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। केवल सिंध ही नहीं, कश्मीर का हिस्सा भी पाकिस्तान कब्जा कर रहा है, और पंजाब का कई क्षेत्र भी पाकिस्तान के अधीन है। सिंधु घाटी सभ्यता सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक थी। यहां भारत के सनातन धर्म की नींव पड़ी थी। ऐसे में राजनाथ सिंह सही कहते हैं कि भविष्य में सीमाएं बदल सकती हैं। जब दुनिया के कई हिस्सों में ऐसा हो चुका है, तो यह दिन भी दूर नहीं। पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि उसकी तरक्की, खासकर सिंध जैसे प्रांतों की, भारत में शामिल होकर ही संभव है।"
--आईएएऩएस
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