क्या झारखंड में माओवादी के प्रतिरोध सप्ताह और बंद के ऐलान पर पुलिस हाई अलर्ट है?

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क्या झारखंड में माओवादी के प्रतिरोध सप्ताह और बंद के ऐलान पर पुलिस हाई अलर्ट है?

सारांश

झारखंड राज्य में माओवादी संगठन द्वारा किए गए प्रतिरोध सप्ताह और बंद के आह्वान ने सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है। इस स्थिति में पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है। जानिए इस विषय पर पूरी जानकारी और पड़ोसी राज्यों पर संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • भाकपा (माओवादी) का प्रतिरोध सप्ताह 8 से 14 अक्टूबर तक है।
  • 15 अक्टूबर को एक दिवसीय बंद का आह्वान किया गया है।
  • झारखंड पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया है।
  • पड़ोसी राज्यों पर भी इस बंद का असर हो सकता है।
  • जनता से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।

रांची, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाकपा (माओवादी) नक्सली संगठन ने 8 से 14 अक्टूबर तक प्रतिरोध सप्ताह और 15 अक्टूबर को एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है।

इस दौरान नक्सलियों के दस्ते गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। इसके मद्देनजर झारखंड पुलिस ने पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

झारखंड पुलिस के आईजी (अभियान) माइकल राज ने बताया कि माओवादियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सभी जिलों में सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील स्थानों, सरकारी प्रतिष्ठानों, रेल और सड़क मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं, ताकि जनजीवन सामान्य बना रहे।

आईजी ने कहा कि प्रस्तावित प्रतिरोध सप्ताह और बंद का असर झारखंड के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम जैसे पड़ोसी राज्यों में भी देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से 15 अक्टूबर को होने वाले बंद को ध्यान में रखते हुए सूचना तंत्र को और सक्रिय किया गया है।

पुलिस प्रवक्ता ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और निर्भीक होकर रोजमर्रा की गतिविधियां संचालित करें। भाकपा माओवादी के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने प्रेस रिलीज जारी कर 15 अक्टूबर को बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम बंद का ऐलान किया था।

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि 15 सितंबर को केंद्रीय कमेटी और आईआरबी सदस्य कॉमरेड सहदेव सोरेन उर्फ अनुज, बिहार झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य कॉमरेड रघुनाथ हेंब्रम उर्फ चंचल और जोनल कमेटी सदस्य कॉमरेड रामखेलावन गंजू उर्फ वीरसेन को कोबरा और झारखंड पुलिस ने मुठभेड़ में मार डाला है।

इसके विरोध में प्रतिरोध सप्ताह और बंद का ऐलान किया गया है। इसके पहले नक्सली संगठन ने प्रेस नोट जारी कर केंद्र सरकार से शांति वार्ता की पेशकश की थी, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसी भी वार्ता से साफ इनकार कर दिया। शाह ने नक्सलियों से अपील की थी कि वे हथियार डालें। सरकार मुख्यधारा में उनका स्वागत करेगी, लेकिन इसके पहले उनसे कोई बातचीत नहीं हो सकती।

Point of View

मैं देखता हूँ कि झारखंड में माओवादी गतिविधियों का प्रभाव न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ता है। सरकार को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या माओवादी प्रतिरोध सप्ताह का उद्देश्य क्या है?
माओवादी प्रतिरोध सप्ताह का उद्देश्य उनके मारे गए सदस्यों के प्रति विरोध जताना और सुरक्षा बलों के खिलाफ गड़बड़ी फैलाना है।
पुलिस ने इस स्थिति में क्या कदम उठाए हैं?
पुलिस ने पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया है और सभी जिलों में सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है।
क्या यह बंद पड़ोसी राज्यों पर भी असर डालेगा?
हां, आईजी के अनुसार, यह बंद बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम जैसे पड़ोसी राज्यों पर भी असर डाल सकता है।
क्या जनता को किसी प्रकार की चेतावनी दी गई है?
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और निर्भीक होकर अपनी दिनचर्या जारी रखें।
केंद्र सरकार ने माओवादियों से वार्ता के बारे में क्या कहा है?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से हथियार डालने की अपील की है और वार्ता से इनकार किया है।