क्या झारखंड में 126 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ‘बोली’ लगाकर मनचाही पोस्टिंग पाई?

सारांश
Key Takeaways
- 126 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए बोली प्रक्रिया अपनाई गई।
- डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस की अनुमति नहीं होगी।
- राज्य के हर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का लक्ष्य।
- स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी।
- झारखंड में 37,000 डॉक्टरों की आवश्यकता है।
रांची, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। टेंडर में ‘बोली’ लगाकर और अपनी पसंद का अस्पताल चुनें। झारखंड सरकार ने इस अनोखे प्रस्ताव के तहत 126 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने मंगलवार को रांची में आयोजित एक समारोह में नवनियुक्त डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य है कि झारखंड के सभी जिलों को मेडिकोज सिटी में बदलें। हर व्यक्ति को उसके जिले में उत्तम चिकित्सा सेवा मिले।"
यह प्रक्रिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) के अंतर्गत संचालित की गई, जिसमें चिकित्सकों को राज्यभर के स्वास्थ्य केंद्रों की सूची दी गई और अपनी पसंद के अनुसार केंद्र चुनने का मौका दिया गया। जिन चिकित्सकों ने सबसे कम मानदेय की मांग की, उन्हें प्राथमिकता दी गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "नवनियुक्त डॉक्टरों को न केवल सम्मान बल्कि जिम्मेदारी भी दी जा रही है।" अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने इसे एक मिशन बताया, जिससे राज्य के हर कोने में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी।
नवनियुक्त डॉक्टरों में 22 शिशु रोग विशेषज्ञ, 20 सर्जन, 19 स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, 17 एनेस्थेटिस्ट और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रक्रिया के दौरान 219 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे, लेकिन केवल 126 ने आवेदन किया।
इन डॉक्टरों को सरकारी आवास में रहना होगा और निजी प्रैक्टिस की अनुमति नहीं होगी। सरकार का मानना है कि यह प्रणाली स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगी। झारखंड की जनसंख्या के अनुसार करीब 37,000 डॉक्टरों की आवश्यकता है, जबकि वर्तमान में केवल 7,500 उपलब्ध हैं।