क्या झारखंड के जमशेदपुर में फर्जीवाड़ा के जरिए ‘मंईयां सम्मान योजना’ की राशि लेने वाली 172 मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ जांच शुरू होने जा रही है?

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क्या झारखंड के जमशेदपुर में फर्जीवाड़ा के जरिए ‘मंईयां सम्मान योजना’ की राशि लेने वाली 172 मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ जांच शुरू होने जा रही है?

सारांश

झारखंड के जमशेदपुर में फर्जीवाड़ा का एक मामला सामने आया है, जिसमें 172 मुस्लिम महिलाओं ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ उठाया। जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया जा रहा है। जानिए इस मामले का पूरा सच!

Key Takeaways

  • 172 मुस्लिम महिलाएं फर्जी तरीके से लाभ उठा रही थीं।
  • जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।
  • मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
  • फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया गया है।
  • प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है।

जमशेदपुर, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड सरकार की ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ का फर्जी तरीके से लाभ उठाने वाली बिहार और बंगाल की 172 महिलाओं के खिलाफ जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा।

पूर्वी सिंहभूम जिले के ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि इस मामले में गालूडीह पुलिस थाने में पंचायत सचिव द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। गालूडीह थाना क्षेत्र की हेंदलजुड़ी पंचायत के छोलगोड़ा गांव में ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ की लाभार्थियों की सूची का प्रशासन द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया, जिससे फर्जीवाड़े का यह मामला सामने आया। प्रारंभिक जांच से पता चला कि लाभार्थियों की सूची में बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों की 40 और पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों की 132 मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं।

झारखंड सरकार ने 18 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को प्रतिमाह 2,500 रुपए की आर्थिक सहायता देने के लिए यह योजना शुरू की है। बिहार और बंगाल की कुल 172 महिलाओं ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से अपने आप को झारखंड निवासी बताकर लाभार्थियों की सूची में नाम दर्ज करवा लिया। सूची में शामिल इन महिलाओं के आवेदनों में राशन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड नंबर शामिल थे। सभी नामों में एक ही राशन कार्ड नंबर अंकित था, फिर भी इसे स्वीकृत किया गया था।

इन महिलाओं के खातों में योजना की पहली दो किस्तों में लगभग 19 लाख रुपए भेजे गए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि हेंदलजुड़ी पंचायत के आठ गांवों में किसी भी गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। इसके बावजूद, पंचायत के छोलगोड़ा गांव में 172 मुस्लिम महिलाओं के नाम मंईयां सम्मान योजना की लाभार्थियों की सूची में शामिल हैं। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद, जिले के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के आदेश पर घाटशिला की प्रखंड विकास पदाधिकारी युनिका शर्मा ने हेंदलजुड़ी पंचायत के सचिव मंगल टुडू को मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया था।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाती है कि हमें अपनी योजनाओं की निगरानी को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या यह मामला केवल झारखंड में है?
नहीं, यह मामला बिहार और बंगाल की महिलाओं से संबंधित है जो झारखंड की योजना का फर्जी लाभ उठा रही हैं।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य 18 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
क्या फर्जीवाड़ा साबित होने पर क्या होगा?
यदि फर्जीवाड़ा साबित होता है, तो दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।