क्या झारखंड में भारी बारिश ने जनजीवन को बेहाल कर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- झारखंड में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
- हजारीबाग में एक दंपती की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई है।
- पलामू में बच्चों की डूबने की घटनाएं हुई हैं।
- राज्य में बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है।
- मौसम विभाग के अनुसार, 102 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
रांची, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में निरंतर हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है।
रांची, रामगढ़, लातेहार, जमशेदपुर, हजारीबाग, बोकारो, गिरिडीह सहित कई शहरों में सड़कों पर पानी जमा हो गया है। इन शहरों के निचले इलाकों के कई घरों में भी पानी घुसने की घटनाएं सामने आई हैं। नदियों, जलाशयों और झरनों में लोगों के डूबने और घर गिरने की घटनाएं लगातार देखी जा रही हैं।
हजारीबाग के बरही थाना क्षेत्र में रसोईया धमना बाराटोला गांव में बारिश के दौरान रविवार की रात एक जर्जर मकान की छत गिर गई। इसके मलबे में दबकर हबीब अंसारी और उनकी पत्नी जुमेरा खातून की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई। दोनों की उम्र लगभग 50 वर्ष थी। हादसे की जानकारी सोमवार को मिली, जिसके बाद ग्रामीणों ने मलबे से दंपती को बाहर निकाला।
पलामू जिले के पांकी थाना अंतर्गत उक्सू गांव का 12 वर्षीय राकेश कुमार अमानत नदी में नहाते समय बह गया। उसका शव सोमवार को बरामद किया गया। इसी थाना क्षेत्र के बसरिया गांव में 14 वर्षीय समीर अंसारी भी नहाते समय अमानत नदी में डूब गया। उसकी तलाश जारी है। इससे पहले, शनिवार को पलामू शहर के बड़काबांध में दो बच्चों की मौत डूबने से हुई थी।
बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड में जमुनिया नदी पर नवनिर्मित पुल का एक हिस्सा और गार्डवाल बारिश के कारण बह गया। इस पुल का उद्घाटन भी नहीं हुआ था। खूंटी जिले के पंचघाघ जलप्रपात में जलस्तर अत्यधिक बढ़ जाने के कारण प्रशासन ने यहां आने वाले रास्ते को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में अब तक सामान्य से 102 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। रांची में सबसे ज्यादा सामान्य से 265 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। लातेहार में 241 प्रतिशत, लोहरदगा में 190, सरायकेला-खरसावां में 172 और पलामू में 156 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।
राज्य के 24 जिलों में से केवल देवघर, गोड्डा और पाकुड़ में सामान्य की तुलना में 12 से 19 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।