क्या झारखंड में छात्रों के आधार कार्ड एनरोलमेंट के नाम पर 65 करोड़ का घोटाला हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड में छात्रों के आधार कार्ड एनरोलमेंट में घोटाले के आरोप।
- भाजपा द्वारा 75 करोड़ रुपए का घोटाला बताया गया।
- एमकेएस एंटरप्राइज की भूमिका पर सवाल।
- भाजपा ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
- राज्य सरकार की चुप्पी पर चर्चा।
रांची, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड भाजपा ने राज्य में स्कूली छात्रों के आधार कार्ड एनरोलमेंट एवं बायोमेट्रिक अपडेट से जुड़ी प्रक्रिया में पिछले दो वर्षों के दौरान लगभग 75 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के प्रवक्ता अजय शाह ने इस संदर्भ में दस्तावेज पेश किए।
भाजपा ने दावा किया कि मार्च 2023 में झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल (जेईपीसी) द्वारा छात्रों के आधार एनरोलमेंट और बायोमेट्रिक अपडेट के लिए एजेंसी चयन से संबंधित टेंडर जारी किया गया, जिसमें एमकेएस एंटरप्राइज को काम सौंपा गया। पार्टी का कहना है कि टेंडर, वर्क ऑर्डर और आरटीआई से प्राप्त सूचना में यह स्पष्ट है कि आधार एनरोलमेंट और बायोमेट्रिक अपडेट के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जानी चाहिए थी, क्योंकि प्रति छात्र 50 रुपए का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा जेईपीसी को किया जाना था।
अजय शाह ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद एजेंसी ने राज्य भर के स्कूलों और ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स में दो वर्षों के दौरान बड़े पैमाने पर वसूली की। उनके अनुसार, 250 ब्लॉकों में छात्रों से लगभग 36 करोड़ रुपए75 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश के 500 से अधिक आधार सुपरवाइजर्स से 'सिक्योरिटी मनी' के नाम पर लगभग 2.5 करोड़ रुपए वसूले गए। भाजपा का कहना है कि नौकरी देने के नाम पर सुपरवाइजर्स से 50,000 रुपए तक की राशि पहले ली गई, और बाद में वेतन की मांग करने पर उन पर आर्थिक दंड थोपे गए।
अजय शाह ने यह भी दावा किया कि एमकेएस एंटरप्राइज बिहार और पश्चिम बंगाल में भी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रहा है, इसलिए इसकी विस्तृत जांच आवश्यक है। भाजपा ने इस मामले में जेईपीसी की भूमिका की स्वतंत्र और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और संबंधित एजेंसी को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की अपील की है। राज्य सरकार या जेईपीसी की ओर से इन आरोपों पर तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।