क्या झारखंड में शराब घोटाले के बाद अब ‘कोचिंग घोटाला’ हो रहा है?: भाजपा प्रवक्ता अजय साह

सारांश
Key Takeaways
- आदिवासी छात्रों के लिए भ्रष्टाचार का आरोप
- टेंडर प्रक्रिया में फिजिक्स वाला का नाम सामने आया
- राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
- भाजपा की जांच की मांग
- छात्रों के भविष्य का खिलवाड़
रांची, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने हेमंत सोरेन सरकार पर आदिवासी छात्रों की शिक्षा योजनाओं में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पहले शराब घोटाले को अंजाम दिया गया, उसी तर्ज पर अब सरकार “अनुसूचित जनजाति शिक्षण उत्थान कार्यक्रम” के नाम पर एक और कोचिंग घोटाले की योजना बना रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ट्राइबल वेलफेयर कमिश्नर द्वारा जारी टेंडर में 300 एसटी छात्रों को नीट और जेईई की कोचिंग दिलाने के लिए विभिन्न संस्थानों से प्रस्ताव मांगे गए हैं, लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही फिजिक्स वाला नामक एक विशेष कोचिंग संस्थान का नाम सामने आ गया, जिससे पूरी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर प्रश्न चिह्न लग गया है।
अजय साह ने कहा कि विभागीय मंत्री और अधिकारियों ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने से पहले जिस तरह प्रेस विज्ञप्तियों और बयानों में फिजिक्स वाला का नाम लिया, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पूरा खेल पहले से तय है। उन्होंने इसे शराब घोटाले के समान बताया, जिसमें ठेका देने से पहले ही कंपनी का नाम सामने आ गया था और बाद में वही कंपनी ठेका प्राप्त करती दिखाई दी।
भाजपा प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम को “शिक्षा के नाम पर कमीशन का खेल” करार देते हुए कहा कि हेमंत सरकार की नीतियों ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को पहले ही खोखला कर दिया है और अब यह योजना आदिवासी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों के लिए उन्हीं संस्थानों का चयन होना चाहिए, जो वाकई गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में सक्षम हों, न कि वे संस्थान जो कमीशन की दौड़ में आगे हों। भाजपा ने इस टेंडर प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने और उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि इस प्रकार की अनियमितताओं को नजरअंदाज किया गया, तो इसका असर सीधे तौर पर राज्य के आदिवासी छात्रों के करियर और भरोसे पर पड़ेगा।