क्या झारखंड में नकली पनीर और खोया का कारोबार चल रहा है?

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क्या झारखंड में नकली पनीर और खोया का कारोबार चल रहा है?

सारांश

झारखंड में नकली पनीर और खोया का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने कई बड़े छापे मारे हैं। क्या यह समस्या बढ़ती रहेगी? जानें पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • नकली पनीर और खोया का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।
  • खाद्य सुरक्षा विभाग ने कई छापे मारे हैं।
  • स्वास्थ्य के लिए यह बेहद खतरनाक है।
  • राज्य में मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
  • बिहार के क्षेत्रों में यह रैकेट सक्रिय है।

रांची, २२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में नकली पनीर और खोया का व्यापार बिना किसी डर के जारी है। राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग ने जून और जुलाई के दौरान रांची, हजारीबाग, रामगढ़, दुमका और धनबाद में कई छापेमारी करके नकली पनीर और खोया की एक बड़ी मात्रा जब्त की है।

मंगलवार को धनबाद में खाद्य सुरक्षा विभाग ने पूजा टॉकीज चौक पर बिहार से आ रही बसों की जांच की। इस दौरान ७८० किलो मिलावटी पनीर, ८० किलो खोया और २५ किलो पेड़ा-लड्डू जब्त किए गए। पनीर पर आयोडीन डालते ही वह काला पड़ गया। जांच में स्पष्ट हुआ कि पनीर और खोया में जहरीली मिलावट की गई थी। यह सिंथेटिक केमिकल और स्टार्च का स्पष्ट संकेत था, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक है।

दुमका जिले में बासुकीनाथ के पास भी दो दिन पहले नकली पनीर की खेप पकड़ी गई थी। १७ जुलाई को रांची के ओरमांझी में पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की थी। यहाँ ७५० किलो नकली खोया, १५० किलो नकली पनीर और २०० किलो मुरब्बा जब्त किया गया था। यह सामग्री भी बिहार से झारखंड लाई जा रही थी।

१७ जून को हजारीबाग में नकली पनीर की सबसे बड़ी खेप पकड़ी गई थी। पुलिस और खाद्य विभाग ने ४,००० किलो नकली पनीर जब्त कर नष्ट कर दिया था। जांच में यह पाया गया कि यह पनीर बिहार के बख्तियारपुर और मनेर से लाया गया था। इसे रांची, हजारीबाग और रामगढ़ में सप्लाई किया जाना था।

खाद्य विभाग की जांच में पता चला है कि नकली पनीर बनाने में सिंथेटिक दूध, वनस्पति घी, डिटर्जेंट और केमिकल का उपयोग किया जा रहा है। इन सामग्रियों का सेवन स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

इन सभी मामलों में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम, २००६ के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। हालाँकि, आश्चर्यजनक बात यह है कि किसी भी मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। नकली खाद्य पदार्थ का परिवहन करने वाली बसों पर जुर्माना जरूर लगाया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, बिहार के बाढ़, वैशाली, बख्तियारपुर, सासाराम और आसपास के क्षेत्रों में नकली पनीर और खोया बनाने का रैकेट सक्रिय है। यह रैकेट झारखंड और बिहार के विभिन्न शहरों में बड़ी मात्रा में नकली पनीर और खोया सप्लाई कर रहा है।

Point of View

यह आवश्यक है कि सरकार इस प्रकार के मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि समाज में स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा न हों।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या नकली पनीर और खोया का सेवन करना सुरक्षित है?
नहीं, नकली पनीर और खोया का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने कितनी मात्रा में नकली पनीर और खोया जब्त किया?
खाद्य सुरक्षा विभाग ने कई छापों में हजारों किलो नकली पनीर और खोया जब्त किया है।
क्या इस मामले में कोई गिरफ्तारी हुई है?
अभी तक किसी भी मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है, हालांकि एफआईआर दर्ज की गई हैं।