क्या दिल्ली पुलिस ने 22.7 लाख के साइबर स्कैम का खुलासा किया और हरियाणा से दो गिरफ्तार किए?

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क्या दिल्ली पुलिस ने 22.7 लाख के साइबर स्कैम का खुलासा किया और हरियाणा से दो गिरफ्तार किए?

सारांश

दिल्ली पुलिस ने एक बड़े साइबर घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें आरोपियों ने 22.70 लाख रुपए की ठगी की। हरियाणा से गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों ने फर्जी ऐप के माध्यम से निवेशकों को ठगा। यह मामला साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को दर्शाता है।

Key Takeaways

  • साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
  • लोगों को फर्जी निवेश योजनाओं से सावधान रहना चाहिए।
  • साइबर अपराधों पर नज़र रखना आवश्यक है।
  • अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की रिपोर्ट करें।
  • पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी का खुलासा करते हुए 22.70 लाख रुपए के फर्जी शेयर ट्रेडिंग घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने हरियाणा के हिसार से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।

आरोपी एक फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप और व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से लोगों को मोटे मुनाफे का लालच देकर ठग रहे थे।

शाहदरा जिला पुलिस के अनुसार, 13 नवंबर को पीड़िता अमिता गर्ग ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें एक व्हाट्सऐप ग्रुप 'स्टैन चार्ट डायलॉग फोरम एल7' में जोड़ा गया था। इस ग्रुप में पांच एडमिन थे, जो नियमित रूप से शेयर बाजार, डीमैट अकाउंट और निवेश से जुड़ी बातें करते थे।

ग्रुप की एक एडमिन (जिसने खुद को यालिनी गुना बताया) ने एक खास निवेश योजना शेयर की। उसने दावा किया कि उनकी खुद की ऐप 'एससीआईआईएचएनडब्ल्यू' के जरिए शेयर बाजार में निवेश करने पर निश्चित और ज्यादा मुनाफा मिलेगा। भरोसा दिलाने के लिए ग्रुप में लगातार शेयर टिप्स और मुनाफे के दावे किए जाते थे।

पीड़िता ने ग्रुप में भेजे गए लिंक से ऐप डाउनलोड की और शुरुआत में अलग-अलग तारीखों में 11 ट्रांजैक्शन के जरिए करीब 2.70 लाख रुपए निवेश किए। शुरुआत में सब कुछ सामान्य दिखा, लेकिन जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की तो आरोपियों ने नई-नई शर्तें लगा दीं और और ज्यादा पैसा लगाने का दबाव बनाने लगे।

धीरे-धीरे झांसे में आकर पीड़िता ने कुल 22.70 लाख रुपए निवेश कर दिए। इसके बाद आरोपियों ने ऐप पर उन्हें ब्लॉक कर दिया। फिर पीड़िता को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है। इसके बाद साइबर थाना शाहदरा में ई-एफआईआर संख्या 29/2025, बीएनएस की धारा 318(4)/340 के तहत मामला दर्ज किया गया।

मामले की जांच इंस्पेक्टर श्वेता शर्मा को सौंपी गई। एसएचओ साइबर थाना विजय कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें हेड कांस्टेबल जावेद, दीपक और नरेंद्र शामिल थे। टीम ने बैंक खातों और ट्रांजैक्शन का बारीकी से विश्लेषण किया।

जांच में सामने आया कि ठगी की रकम दो ट्रांजैक्शन के जरिए एक बैंक खाते में गई थी। खाताधारक की पहचान समीर, निवासी हिसार (हरियाणा) के रूप में हुई। मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच से अन्य संदिग्ध नंबरों की भी जानकारी मिली।

10 दिसंबर को पुलिस टीम हिसार पहुंची और समीर और देव सिंह को हिरासत में लिया। पूछताछ में समीर ने खुलासा किया कि उसने अलग-अलग बैंकों में 5 से 6 खाते खुलवाकर देव सिंह को दे दिए थे, जिसके बदले उसे 4,000 रुपए प्रति खाता मिलते थे।

पुलिस ने आरोपियों के पास से दो मोबाइल और तीन सिम कार्ड बरामद किए, जिन्हें जब्त कर लिया गया। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुद को एक्सपर्ट ट्रेडर या फाइनेंशियल एडवाइजर बताकर लोगों से संपर्क करते थे। पहले छोटी रकम लगवाकर फर्जी मुनाफा दिखाया जाता था ताकि भरोसा बन सके। भरोसा बनते ही बड़ी रकम निवेश करवाई जाती थी और फिर पैसा हड़पकर पीड़ित को ब्लॉक कर दिया जाता था।

Point of View

बल्कि समाज पर भी खतरा है। हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है और ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग करनी चाहिए।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली पुलिस ने कितने पैसे के साइबर ठगी का खुलासा किया?
दिल्ली पुलिस ने 22.70 लाख रुपए के साइबर ठगी का खुलासा किया।
आरोपी कहां से गिरफ्तार किए गए?
आरोपी हरियाणा के हिसार से गिरफ्तार किए गए।
क्या आरोपियों ने किसी ऐप का उपयोग किया?
हां, आरोपियों ने एक फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप का उपयोग किया।
पीड़िता ने कितनी राशि निवेश की?
पीड़िता ने कुल 22.70 लाख रुपए निवेश किए।
पुलिस ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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