क्या झारखंड के चाईबासा में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की नक्सलियों की साजिश नाकाम हो गई?

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क्या झारखंड के चाईबासा में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की नक्सलियों की साजिश नाकाम हो गई?

सारांश

झारखंड के चाईबासा में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की नक्सलियों की साजिश विफल रही। 30 शक्तिशाली आईईडी बरामद किए गए, जो सुरक्षा बलों के लिए खतरा बन सकते थे। एसपी राकेश रंजन की सूचनाओं के आधार पर चलाए गए अभियान ने नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम किया।

Key Takeaways

  • चाईबासा में नक्सलियों के मंसूबे विफल हुए।
  • 30 आईईडी बरामद किए गए।
  • बम निरोधक दस्ते ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया।
  • एसपी राकेश रंजन की सूचनाएं महत्वपूर्ण रहीं।
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज किया गया।

चाईबासा, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में सुरक्षा बलों और पुलिस को लक्ष्य बनाने की नक्सलियों की एक और बड़ी योजना विफल कर दी गई है। जिले के टोकलो थाना और दलभंगा ओपी के सीमावर्ती जंगली-पहाड़ी क्षेत्र में शुक्रवार को चलाए गए सघन तलाशी अभियान के दौरान 30 शक्तिशाली आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किए गए।

सभी आईईडी का वजन 2-2 किलोग्राम था। इन्हें बम निरोधक दस्ते की सहायता से सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार, चाईबासा के एसपी राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी नक्सलियों ने जंगलों में जमीन के नीचे भारी मात्रा में गोला-बारूद छिपा रखा है और उनका इरादा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने का है। इस सूचना के आधार पर चाईबासा और सरायकेला-खरसावां जिलों की पुलिस, सीआरपीएफ, एसएसबी और झारखंड जगुआर की टीमों का एक संयुक्त बल गठित कर अभियान चलाया गया।

गौरतलब है कि माओवादी संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत, रापा मुंडा समेत कई हार्डकोर नक्सलियों ने इन दिनों सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में कैंप कर रखा है। इसी के मद्देनजर नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार तलाशी अभियान तेज किया गया है और इस दौरान लगातार सफलताएं हासिल हो रही हैं।

इससे पहले 1 जुलाई को इसी जिले के टोंटो थाना अंतर्गत हुसिपी और आस-पास के जंगल में माओवादी नक्सलियों द्वारा छिपाकर रखे गए 18 हजार डेटोनेटर बरामद किए गए थे। डेटोनेटर का इस्तेमाल आईईडी बनाने में किया जाता है।

गत 18 जून को जिले के टोकलो थाना क्षेत्र अंतर्गत चितपिल जंगल से 14 शक्तिशाली आईईडी बरामद किए गए थे। इसके अलावा विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला 52 किलोग्राम सफेद पाउडर भी जब्त किया गया था।

Point of View

NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड में नक्सलियों की गतिविधियां क्यों बढ़ रही हैं?
नक्सलियों की गतिविधियां अक्सर आर्थिक और सामाजिक कारणों से बढ़ती हैं, जिसमें स्थानीय जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष भी शामिल है।
बम निरोधक दस्ते का काम क्या होता है?
बम निरोधक दस्ते का मुख्य कार्य विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय करना और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।
आईईडी का क्या उपयोग होता है?
आईईडी का उपयोग आतंकवाद और नक्सल गतिविधियों में किया जाता है, जो सुरक्षा बलों के लिए खतरा होते हैं।