क्या झारखंड में रिश्वत लेते सरकारी कर्मियों की गिरफ्तारी हुई?

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क्या झारखंड में रिश्वत लेते सरकारी कर्मियों की गिरफ्तारी हुई?

सारांश

हाल ही में झारखंड में एंटी करप्शन ब्यूरो ने दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। पढ़ें, कैसे यह मामला सामने आया और क्या हैं इसके परिणाम।

Key Takeaways

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो का सख्त कदम।
  • रिश्वत लेते हुए दो सरकारी कर्मियों की गिरफ्तारी।
  • जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता का महत्व।
  • सामाजिक दायित्व को समझना और निभाना।
  • सरकारी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता।

रांची, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की विभिन्न टीमों ने कार्रवाई करते हुए दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।

लोहरदगा जिले में ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल के कैशियर वरुण कुमार को एक ग्रामीण से आंगनबाड़ी जीर्णोद्धार के लिए चार हजार रुपए लेते हुए पकड़ा गया। वहीं, धनबाद में भूमि सुधार उपसमाहर्ता कार्यालय में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर अनिश कुमार को एक रैयत से जमीन नामांतरण के नाम पर 15 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।

धनबाद एसीबी के डीएसपी विनोद कुमार ने बताया कि वीरबहादुर सिंह नामक व्यक्ति ने अपनी भूमि के नामांतरण (म्यूटेशन) की अर्जी अंचल कार्यालय में दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद जब उन्होंने फाइल को डीसीएलआर कार्यालय में पुनः जमा करने की कोशिश की, तो अनिश कुमार ने 15,000 रुपए रिश्वत मांगी।

डीएसपी ने बताया, “शिकायत मिलने के बाद हमने आरोप की जांच की। पुष्टि होने पर जाल बिछाया गया। शिकायतकर्ता को चिह्नित (मार्क किए हुए) नोटों के साथ भेजा गया और जैसे ही आरोपी ने पैसे लिए, उसे तुरंत पकड़ लिया गया।”

गिरफ्तारी के बाद एसीबी टीम ने डीसीएलआर कार्यालय की संबंधित फाइलों की तलाशी ली। इसके साथ ही अनिश कुमार के आवास पर भी तलाशी अभियान चलाया गया। इसके बाद आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया।

लोहरदगा जिले में जुरिया ग्राम निवासी सैफुजुल अंसारी ने एसीबी में शिकायत की थी कि आंगनबाड़ी जीर्णोद्धार कार्य के एवज में बिल भुगतान के लिए ग्रामीण विकास प्रमंडल में 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई है। सैफुजुल ने कैशियर वरुण कुमार से बातचीत की तो चार हजार रुपए में बात तय हुई।

एसीबी रांची की टीम ने दो दिन पूर्व लोहरदगा पहुंचकर जांच की तो शिकायत सही पाई गई थी। तय योजना के अनुसार, गुरुवार को सैफुजुल ने जैसे ही वरुण कुमार को रिश्वत दी, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया।

Point of View

बल्कि नागरिकों के विश्वास को भी बहाल करेगा।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

किस विभाग के कर्मचारी गिरफ्तार हुए?
ग्रामीण विकास विभाग के कैशियर और भूमि सुधार उपसमाहर्ता कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार हुए।
रिश्वत की राशि कितनी थी?
कैशियर वरुण कुमार को चार हजार रुपए और कंप्यूटर ऑपरेटर अनिश कुमार को 15 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
गिरफ्तारी के बाद क्या कार्रवाई की गई?
गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने संबंधित फाइलों की तलाशी ली और आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।