क्या झारखंड सरकार निकाय चुनाव नहीं करवा रही है? हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

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क्या झारखंड सरकार निकाय चुनाव नहीं करवा रही है? हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

सारांश

झारखंड हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव न कराने पर राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए मुख्य सचिव को अदालत में तलब किया है। क्या यह सरकार का संवैधानिक कर्तव्य निभाने में विफलता का संकेत है? जानें इस मुद्दे की गहराई में।

Key Takeaways

  • हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाया है।
  • नगर निकाय चुनाव का कार्यकाल समाप्त हो चुका है।
  • सरकार ने ओबीसी आरक्षण के लिए प्रक्रिया में देरी की है।
  • मुख्य सचिव को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।
  • राज्य में निर्वाचन का अभाव है।

रांची, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव न कराने के लिए राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और मुख्य सचिव को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है। यह निर्णय रांची नगर निगम की पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया।

कोर्ट ने कहा कि सरकार अदालत के आदेशों की अनदेखी कर ‘रूल ऑफ लॉ’ का उल्लंघन कर रही है। ऐसा लगता है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से विफल हो चुका है।

झारखंड हाईकोर्ट के जज आनंदा सेन ने 4 जनवरी 2024 को एक याचिका के आधार पर आदेश दिया था कि राज्य के सभी नगर निकायों (जैसे नगर पालिका, नगर निगम) के चुनाव तीन सप्ताह के भीतर कराए जाएं। लेकिन, इस आदेश का पालन अब तक नहीं किया गया है। इस स्थिति के कारण अब कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की गई है। प्रार्थी के वकील विनोद सिंह ने कोर्ट में कार्रवाई की मांग की है। इस पर अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को निर्धारित की गई है और मुख्य सचिव को स्वयं कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है।

ज्ञात हो कि झारखंड के सभी नगर निकायों (नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत) का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो चुका है। नियमों के अनुसार, 27 अप्रैल 2023 तक चुनाव कराए जाने थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी वजह यह है कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने का निर्णय लिया था। इसके लिए सरकार ने लगभग एक साल पहले ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की थी, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है। अप्रैल 2023 के बाद से इन नगर निकायों का प्रबंधन सरकारी प्रशासकों के हाथ में है और पिछले ढाई साल से इनमें कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है।

Point of View

बल्कि यह राज्य की संवैधानिक व्यवस्था की भी परीक्षा है। सरकार का यह कृत्य कानून के प्रति उसके सम्मान को दर्शाता है। यह समय है कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों को समझे और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करे।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार को क्यों तलब किया?
हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव न कराने के लिए राज्य सरकार पर नाराजगी जताई और मुख्य सचिव को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
ओबीसी आरक्षण का क्या मामला है?
राज्य सरकार ने चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने का निर्णय लिया था, जिसके लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की गई थी।