क्या झारखंड में छोटे भाई की हत्या के मामले में न्याय न मिलने से युवक ने आत्महत्या कर ली?
सारांश
Key Takeaways
- न्याय की कमी से व्यक्ति को मानसिक तनाव हो सकता है।
- स्थानीय समुदाय का समर्थन और विरोध महत्वपूर्ण होता है।
- सरकारी तंत्र में सुधार की आवश्यकता है।
हजारीबाग, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छोटे भाई की हत्या के मामले में ढाई साल बाद भी न्याय नहीं मिलने के कारण मानसिक तनाव में रहने वाले हजारीबाग के शिवपुरी मुहल्ला निवासी योगेश कुमार मंडल ने सोमवार को सल्फास का सेवन कर आत्महत्या कर ली।
इस घटना को लेकर परिजनों और स्थानीय लोगों में रोष उत्पन्न हुआ, जिन्होंने नवाबगंज छठ तालाब मोड़ पर शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान यातायात पूरी तरह बाधित रहा।
मामले की सूचना मिलने पर लोहसिंघना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने का प्रयास किया। पुलिस ने न्यायिक कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम हटाया।
परिजनों का कहना है कि योगेश अपने छोटे भाई मनमन मंडल की हत्या के बाद से गहरे मानसिक तनाव में था। उनका कहना है कि न्यायिक प्रक्रिया का लंबा खिंचाव, आरोपियों का खुलेआम घूमना और लगातार मिल रही कथित धमकियों के कारण योगेश टूट चुका था। इसी मानसिक दबाव के चलते उसने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लिया।
ज्ञातव्य है कि 6 अक्टूबर 2023 को लोहसिंघना थाना क्षेत्र के शिवपुरी मुहल्ले में मनमन मंडल (28) की दिनदहाड़े बर्बरतापूर्ण हत्या की गई थी। परिजनों के अनुसार, मनमन सुबह करीब 9:30 बजे घर से बाजार की ओर जा रहा था, तभी शिवपुरी स्थित एक सैलून के पास अपराधियों ने पीछे से उस पर लाठी-डंडा और पत्थरों से हमला कर दिया। सिर पर गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
पुलिस ने इस मामले में आधा दर्जन से अधिक लोगों को नामजद आरोपी बनाया था। न्यायालय में अब तक आठ चश्मदीद गवाहों की गवाही हो चुकी है और मामला फिलहाल विचाराधीन है।
इस संबंध में लोहसिंघना थाना प्रभारी निशांत केरकेट्टा ने बताया कि आत्महत्या मामले में फिलहाल कोई लिखित आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास किया, लेकिन परिजन इसके लिए तैयार नहीं हुए। आवेदन मिलने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।