क्या वक्फ कानून किसी धर्म के विरुद्ध है? तेजस्वी यादव के बयान पर जीतन राम मांझी का जवाब

सारांश
Key Takeaways
- वक्फ कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं है।
- राजनीतिक लाभ के लिए कानून का विरोध हो रहा है।
- बिहार में विकास के लिए डबल इंजन की सरकार की जरूरत है।
नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने मंगलवार को राजद नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला किया। उन्होंने तेजस्वी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘महागठबंधन की सरकार बनने पर वक्फ कानून को कूड़ेदान में डाल देंगे’। मांझी ने स्पष्ट किया कि ये कानून किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं।
वक्फ कानून पर जीतन राम मांझी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेता वक्फ बिल का विरोध इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह एक विशेष धर्म को निशाना बनाता है। मैं यह बताना चाहता हूं कि ये कानून किसी धर्म या व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं। यह पूरी तरह से प्रबंधन का मुद्दा है। आज तक कुछ लोग वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाए हुए हैं, जिससे गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, वे केवल राजनीति कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "बिहार में तेजस्वी यादव के पिता को 15 वर्षों का समय जनता ने दिया था, लेकिन उन्होंने बिहार में जंगलराज कायम कर दिया। वे अपने पिता के बेटे हैं, उन्हें कोई अनुभव नहीं है।"
क्या चिराग पासवान सीट बंटवारे से पहले एनडीए पर दबाव बना रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "आपने 2020 में भी यही देखा। चिराग पासवान ने 2020 में जो किया, उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। अगर इस बार भी वे यही दोहराते हैं, तो परिणाम भी वही होगा, क्योंकि बिहार में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार है। चाहे वह सड़क, बिजली, कानून-व्यवस्था हो या समन्वय, हर क्षेत्र में अच्छा काम हो रहा है। यदि कोई अपनी आकांक्षाओं के अनुसार जाना चाहता है, तो इस पर कोई रोक नहीं है। मैं इतना ही कहूंगा कि बिहार में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार के रहते अभी किसी और की जरूरत नहीं है।"