क्या जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री पैकेज के कर्मचारियों को मिली विशेष छुट्टी?

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली के अवसर पर तीन दिन की छुट्टी दी गई है।
- यह निर्णय जम्मू क्षेत्र के कर्मचारियों के हित में लिया गया है।
- सरकार ने दरबार मूव की परंपरा को पुनर्जीवित किया है।
- कर्मचारियों का करियर विकास सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
- छुट्टी का उद्देश्य परिवारों के साथ समय बिताना है।
श्रीनगर, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर सरकार ने दीपावली की खुशी में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कार्यरत कर्मचारियों, प्रवासी कर्मचारियों और जम्मू क्षेत्र से संबंधित उन कर्मचारियों को तीन दिन की विशेष आकस्मिक छुट्टी देने की घोषणा की है, जो वर्तमान में कश्मीर घाटी में तैनात हैं।
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन कर्मचारियों को 22 अक्टूबर (बुधवार), 23 अक्टूबर (गुरुवार) और 24 अक्टूबर (शुक्रवार) को छुट्टी दी गई है, ताकि वे अपने परिवारों के साथ जम्मू में पर्व का आनंद ले सकें।
जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय उन कर्मचारियों के हित में लिया गया है जो जम्मू क्षेत्र से हैं और कश्मीर में कार्यरत हैं। साथ ही प्रधानमंत्री पैकेज के तहत आने वाले प्रवासी कर्मचारी भी इस विशेष छुट्टी के योग्य हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज (पीएम पैकेज) विशेष रूप से कश्मीरी पंडित प्रवासी समुदाय के लिए शुरू किया गया था, ताकि उन्हें वापस घाटी में काम करने का अवसर मिल सके और वे मुख्यधारा से जुड़ सकें। इन कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर सरकार के अन्य कर्मचारियों के समान सभी सुविधाएं और लाभ उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने इन कर्मचारियों के करियर विकास को सुगम बनाने के लिए कई पहल की हैं। जुलाई 2022 में इन कर्मचारियों के लिए प्रमोशन स्कीम को मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा, सुरक्षा कारणों के मद्देनजर कई बार सरकार ने उन्हें वर्क फ्रॉम होम की अस्थायी सुविधा भी दी है।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर सरकार ने दरबार मूव की ऐतिहासिक परंपरा को भी पुनर्जीवित किया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने इस परंपरा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि दरबार मूव की परंपरा डोगरा महाराजा गुलाब सिंह के समय से चली आ रही है, जिसमें राज्य के शीर्ष सरकारी दफ्तर हर छह महीने में जम्मू और श्रीनगर के बीच स्थानांतरित होते हैं। यह प्रक्रिया 2021 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा बंद कर दी गई थी, लेकिन अब इसे दोबारा शुरू किया गया है।
इस वर्ष दरबार मूव के तहत सभी कार्यालय 31 अक्टूबर को श्रीनगर में बंद होंगे और 3 नवंबर से जम्मू में कामकाज शुरू करेंगे।