क्या कर्तव्य पथ प्रदर्शन केस में 5 आरोपियों को दो दिन की न्यायिक हिरासत मिली?

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क्या कर्तव्य पथ प्रदर्शन केस में 5 आरोपियों को दो दिन की न्यायिक हिरासत मिली?

सारांश

नई दिल्ली में जेएनयू के छात्रों का प्रदर्शन पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया। मिर्च पाउडर से हमले के बाद छात्रों को हिरासत में लिया गया है। जानिए इस प्रदर्शन के पीछे की सच्चाई और कोर्ट के फैसले के बारे में।

Key Takeaways

  • जेएनयू के छात्रों का प्रदर्शन प्रदूषण के खिलाफ था।
  • पुलिस पर मिर्च पाउडर का हमला किया गया।
  • कोर्ट ने पांच छात्रों को न्यायिक हिरासत में भेजा।
  • एक आरोपी को नाबालिग होने के कारण सेफ हाउस में रखा गया।
  • प्रदर्शन में नक्सलियों के समर्थन में नारे लगे।

नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्तव्य पथ पर रविवार को जेएनयू के छात्रों ने एक प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने पुलिस पर मिर्च पाउडर फेंक दिया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में कई छात्रों को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए छह छात्रों को सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने पांच छात्रों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, एक छात्र को सेफ हाउस में रखने का आदेश दिया गया।

वास्तव में, हिरासत में लिए गए छह आरोपियों में से एक ने खुद को नाबालिग बताया, जिस पर कोर्ट ने निर्णय लिया कि इस आरोपी को उसकी उम्र स्पष्ट होने तक सेफ हाउस में रखा जाएगा।

गिरफ्तार आरोपियों में से एक प्रकाश ने जमानत याचिका भी दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई बुधवार को होगी।

गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने प्रदर्शन वाले दिन का एक वीडियो प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों पर मिर्च पाउडर का प्रयोग किया। ये लोग प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन करने आए थे, लेकिन पूरी तैयारी के साथ। हमने इन्हें चार बार रोका, लेकिन ये नहीं माने।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान नक्सलियों के समर्थन में भी नारे लगाए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रदर्शन प्रदूषण पर था, तो नक्सलियों से संबंधित नारे क्यों लगाए गए?

पुलिस ने आगे कहा कि जब हमें इनकी हिरासत मिलेगी, तभी नक्सलियों से इनका लिंक स्पष्ट होगा। हम आमने-सामने बैठकर पूछताछ करेंगे। हिरासत में किसी के साथ कोई मारपीट नहीं होगी, ऐसा होना नामुमकिन है। अभी जांच केवल प्रारंभिक चरण में है, ज्यादा जानकारी नहीं मिली है।

वहीं, आरोपियों के वकील ने कहा कि ये पढ़े-लिखे बच्चे हैं, इन्होंने अपनी समझ से प्रदूषण को जल, जंगल और जमीन से जोड़ा है। ये कोई अपराधी नहीं हैं, फिर इनके साथ ऐसा बर्ताव क्यों?

वकील ने उल्लेख किया कि एफआईआर में कहीं नक्सलवाद का जिक्र नहीं है।

Point of View

यह घटना समाज में एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देती है। क्या छात्रों का विरोध सही था? क्या पुलिस की कार्रवाई उचित थी? यह मुद्दा हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हम कैसे संवाद कर रहे हैं और हमारे देश में प्रदर्शन की संस्कृति क्या है।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या छात्रों का प्रदर्शन उचित था?
प्रदर्शन का उद्देश्य प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाना था, लेकिन पुलिस पर मिर्च पाउडर फेंकना उचित नहीं है।
कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
कोर्ट ने पांच छात्रों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने और एक को सेफ हाउस में रखने का आदेश दिया।
क्या एक आरोपी नाबालिग था?
हां, एक आरोपी ने खुद को नाबालिग बताया, जिससे कोर्ट ने उसे सेफ हाउस में रखने का निर्णय लिया।
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