जेएनयूएसयू चुनाव: एबीवीपी ने प्रत्याशी घोषित किए, क्या लेफ्ट की नाकामी है मुख्य मुद्दा?

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जेएनयूएसयू चुनाव: एबीवीपी ने प्रत्याशी घोषित किए, क्या लेफ्ट की नाकामी है मुख्य मुद्दा?

सारांश

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जेएनयूएसयू चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। प्रमुख मुद्दों में लेफ्ट नीतियों की नाकामी और छात्रहितों की अनदेखी शामिल हैं। क्या यह एबीवीपी के लिए जीत का रास्ता है? जानिए विस्तार से।

Key Takeaways

  • विकास पटेल अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के प्रत्याशी हैं।
  • तान्या कुमारी उपाध्यक्ष पद के लिए चुनी गई हैं।
  • एबीवीपी ने लेफ्ट की नाकामी को मुद्दा बनाया है।
  • महिलाओं को प्राथमिकता देने वाले 42 काउंसलर पदों के लिए उम्मीदवार घोषित किए गए हैं।
  • छात्र हितों की रक्षा एबीवीपी के मुख्य लक्ष्यों में से एक है।

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। सेंट्रल पैनल में अध्यक्ष पद के लिए विकास पटेल, उपाध्यक्ष के लिए तान्या कुमारी, सचिव के लिए राजेश्वर कांत दुबे और संयुक्त सचिव के लिए अनुज डमारा को उतारा गया है।

इसके अतिरिक्त, 16 स्कूलों के 42 काउंसलर पदों और विभिन्न केंद्रों के लिए भी प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज (आयुषी बजाज और हिमांशु) और स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्युलर मेडिसिन (गोवर्धन सिंह) में एबीवीपी के प्रत्याशी निर्विरोध जीत चुके हैं।

अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विकास पटेल उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के निवासी हैं। उन्होंने जेएनयू से कोरियन भाषा में एमए और राजनीति विज्ञान में एमए किया है और वे पीएचडी के तृतीय वर्ष के शोधार्थी हैं। वे 2014 से एबीवीपी से जुड़े हुए हैं और पूर्व में इकाई मंत्री भी रह चुके हैं।

उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी तान्या कुमारी बिहार के मुंगेर से आती हैं, ग्रामीण पृष्ठभूमि से। शिक्षा में उन्होंने मिरांडा हाउस से दर्शनशास्त्र में बीए और जेएनयू से समाजशास्त्र में एमए और पीएचडी की है। 2019 से वह सक्रिय रही हैं।

सचिव पद के प्रत्याशी राजेश्वर कांत दुबे गोरखपुर निवासी हैं, जो जेएनयू से रशियन स्टडीज में एमए और पीएचडी शोधार्थी हैं। वे विश्व युवा महोत्सव में भारतीय राजदूत भी रह चुके हैं।

संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी अनुज डमारा हरियाणा के जींद से हैं। वह रामजस कॉलेज से भौतिकी में बीएससी, एमएससी और बीएड हैं।

एबीवीपी ने लेफ्ट नीत जेएनयूएसयू की 'नाकामी' को मुख्य मुद्दा बनाया है। संगठन का दावा है कि पिछले कार्यकाल में छात्रहितों की अनदेखी की गई, परिसर में अव्यवस्था बढ़ी और शैक्षणिक वातावरण में गिरावट आई। एबीवीपी ने महिला सुरक्षा, सस्ती-गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधारभूत ढांचा सुधार और उत्तरदायी छात्रसंघ जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले चुनाव में संयुक्त सचिव पद जीतकर एबीवीपी ने रेलवे आरक्षण काउंटर बहाल किया और छात्र सुविधाओं में सुधार किया।

एबीवीपी के चुनाव संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने कहा, "हम संवाद, सेवा और संगठन की भावना से मैदान में हैं। जेएनयू को शैक्षणिक रूप से मजबूत बनाना, छात्राओं की सुरक्षा और सस्ती शिक्षा हमारा लक्ष्य है।"

Point of View

बल्कि यह देशभर में छात्र राजनीति की दिशा को भी निर्धारित करेगी। एबीवीपी और लेफ्ट के बीच की यह टक्कर निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

जेएनयूएसयू चुनाव कब हो रहे हैं?
जेएनयूएसयू चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है।
एबीवीपी के प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
एबीवीपी के प्रमुख मुद्दों में महिला सुरक्षा, सस्ती शिक्षा और छात्रहितों की रक्षा शामिल हैं।
लेफ्ट नीतियों की नाकामी का क्या मतलब है?
लेफ्ट नीतियों की नाकामी का मतलब है कि पिछले कार्यकाल में छात्रहितों पर ध्यान नहीं दिया गया।