क्या थी मशीन से बर्फ जमाने का पहला प्रदर्शन?

सारांश
Key Takeaways
- जॉन गोरी ने पहली बार मशीन से बर्फ बनाने का प्रदर्शन किया।
- यह घटना 14 जुलाई 1850 को हुई थी।
- गोरी का आविष्कार आधुनिक रेफ्रिजरेशन की नींव था।
- उनकी मशीन ने गर्म climates में भी बर्फ बनाने की संभावना को दिखाया।
- इस आविष्कार ने खाद्य संरक्षण और चिकित्सा में क्रांति लाने में मदद की।
नई दिल्ली, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। क्या आपने कभी सोचा है कि मशीन के द्वारा बर्फ जमाने का पहला प्रदर्शन कब हुआ था? इसका उत्तर इतिहास के पन्नों में छिपा है।
ऐसा माना जाता है कि 14 जुलाई 1850 को मशीन के माध्यम से बर्फ बनाने का पहला प्रदर्शन किया गया था। जॉन गोरी एक चिकित्सक थे, जिन्होंने पहली बार मशीन से बर्फ बनाई। लेकिन इसके पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है।
जॉन गोरी, जो फ्लोरिडा के गर्म और उमस भरे वातावरण में मलेरिया जैसी बीमारियों के उपचार के लिए रोगियों को ठंडा रखने के तरीके खोज रहे थे। उस समय प्राकृतिक बर्फ को दूर-दूर के क्षेत्रों, जैसे उत्तरी अमेरिका के झीलों से काटकर लाना बहुत महंगा और समय लेने वाला था।
गोरी ने इस समस्या का समाधान एक ऐसी मशीन के निर्माण में किया, जो कृत्रिम रूप से बर्फ बना सके। उन्होंने एक संपीड़न-आधारित रेफ्रिजरेशन मशीन बनाई, जो हवा को संपीड़ित और विस्तारित करके ठंडक उत्पन्न करती थी। यह आधुनिक रेफ्रिजरेशन तकनीक का एक प्रारंभिक रूप था।
गोरी ने 14 जुलाई 1850 को मशीन का उपयोग करके पहली बार सार्वजनिक रूप से कृत्रिम बर्फ का प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन संभवतः एक सामाजिक या वैज्ञानिक सभा में हुआ, जहां उन्होंने दिखाया कि उनकी मशीन गर्म मौसम में भी बर्फ बना सकती है।
गोरी का यह प्रदर्शन लोगों को चकित कर गया। लोग सोचने लगे कि क्या ऐसा संभव है, क्योंकि उस समय बर्फ केवल प्राकृतिक रूप से ठंडे क्षेत्रों से ही प्राप्त की जाती थी।
गोरी द्वारा किए गए इस प्रदर्शन ने यह संकेत दिया कि मशीन के माध्यम से कहीं भी बर्फ बनाई जा सकती है।
इतिहासकारों के अनुसार, गोरी के इस आविष्कार को रेफ्रिजरेशन उद्योग की नींव का मील का पत्थर माना गया। इसका प्रयोग बाद में खाद्य संरक्षण, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में हुआ।
उन्हें 1851 में अपनी मशीन के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ, जो कृत्रिम बर्फ बनाने की प्रक्रिया का पहला पेटेंट था। लेकिन, उन्हें व्यावसायिक सफलता नहीं मिली। इसका कारण यह था कि बड़े पैमाने पर इसे लागू करना काफी महंगा साबित होता था, जबकि लोगों के पास प्राकृतिक बर्फ का व्यापार अभी भी एक विकल्प था।
इतिहासकारों का मानना है कि गोरी के विचारों ने अन्य आविष्कारकों और इंजीनियरों को प्रेरित किया, जिससे आधुनिक रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग तकनीक विकसित हुई।