क्या ईडी ने जेपी ग्रुप के एमडी मनोज गौड़ को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- मनोज गौड़ की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुई है।
- ईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी की।
- 2017 में भी जेपी ग्रुप के खिलाफ जांच चल रही थी।
नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के एमडी मनोज गौड़ को मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार, जेपी ग्रुप के एमडी मनोज गौड़ के खिलाफ जांच घर खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी हुई है। इसी सिलसिले में गुरुवार को कार्रवाई करते हुए ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मनोज गौड़ को गिरफ्तार किया।
ईडी ने मई में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड और उनकी संबंधित संस्थाओं से जुड़े 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी और 1.7 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी जब्त की थी। छापेमारी के दौरान, प्रमोटरों, उनके परिवार के सदस्यों और समूह की कंपनियों के नाम पर संपत्ति के दस्तावेजों के साथ-साथ वित्तीय दस्तावेज और डिजिटल डेटा भी जब्त किए गए।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत चल रही जांच के तहत दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुंबई में कई जगहों पर छापेमारी की थी।
जेपी इन्फ्राटेक के प्रवर्तकों के खिलाफ 2017 में भी एफआईआर दर्ज हुई थी। एफआईआर में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया, जिसमें जेपी विशटाउन (जेआईएल) और जेपी ग्रीन्स (जेएएल) जैसी परियोजनाओं में आवासीय अपार्टमेंट और प्लॉट आवंटित करने के बहाने घर खरीदारों और निवेशकों को निवेश करने के लिए प्रलोभन देना शामिल है।