क्या कैंचीधाम मंदिर ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 2.5 करोड़ की धनराशि प्रदान की?

Key Takeaways
- कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट ने 2.5 करोड़ की धनराशि प्रदान की।
- यह धनराशि आपदा प्रभावित परिवारों के लिए है।
- मुख्यमंत्री ने ट्रस्ट के कार्यों की सराहना की।
- कैंची धाम बाईपास का निर्माण जल्द शुरू होगा।
- ट्रस्ट शिक्षा में छात्रवृत्तियों को बढ़ा रहा है।
देहरादून, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 2.50 करोड़ की आर्थिक सहायता देने के प्रयासों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट द्वारा आपदा पीड़ितों की मदद के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान एक महत्वपूर्ण मानवता सेवा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, कैंची धाम बाईपास के लिए वन भूमि प्रस्ताव को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद इस सड़क का निर्माण तेजी से किया जाएगा। इससे क्षेत्रीय लोगों और पर्यटकों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी और कैंची धाम और भवाली के पास जाम की समस्या से भी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई अन्य योजनाएं भी लागू की जा रही हैं। ज्ञातव्य है कि गुरुपूर्णिमा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध कैंचीधाम मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में मंदिर ट्रस्ट ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 2.5 करोड़ की धनराशि का चेक जिले की मुख्य विकास अधिकारी अनामिका को सौंपा।
कैंचीधाम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ओमप्रकाश बिंद्रा ने बताया कि ट्रस्ट सामाजिक कार्यों में काफी समय से सक्रिय है। उन्होंने कहा कि कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, और आपदा प्रबंधन में हर संभव सहयोग किया जा रहा है। ट्रस्ट द्वारा हर साल 3000 बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को बढ़ाकर 5000 करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने 15 जूनकैंचीधाम मंदिर स्थापना दिवस को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।