क्या 'काकासन' पेट और बाजुओं को मजबूती देने के साथ तनाव को भी कम करता है? जानें सही विधि

सारांश
Key Takeaways
- ककासन से पेट और बाजुओं की ताकत बढ़ती है।
- यह मानसिक तनाव को कम करने में सहायक है।
- सही विधि से अभ्यास करें।
- गर्भवती महिलाओं और चोटिल व्यक्तियों को सलाह लें।
- खाली पेट सुबह करना सबसे अच्छा है।
नई दिल्ली, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आज के समय में स्वस्थ रहने का सबसे सही उपाय दवाइयां नहीं, बल्कि योगासन और प्राणायाम हैं। योग के अनेक आसनों में 'काकासन' विशेष महत्व रखता है, जिसे 'क्रो पोज' या 'बकासन' के नाम से भी जाना जाता है। यह पेट और बाजुओं को मजबूत करने के साथ ही संतुलन बढ़ाने वाला आसन है।
काकासन, खासतौर पर शरीर के ऊपरी हिस्से की ताकत, एकाग्रता और लचीलापन बढ़ाने में मददगार है। काकासन का नाम संस्कृत के 'कक' शब्द से आया है, जिसका अर्थ है कौआ, क्योंकि इस आसन में शरीर की स्थिति कौए की तरह संतुलित दिखती है। यह आसन शुरुआती और अनुभवी योगियों दोनों के लिए फायदेमंद है, बशर्ते इसे सही तकनीक से किया जाए।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, बकासन, जिसे क्रो पोज या कौआ आसन भी कहा जाता है, एक योगासन है जो संतुलन और ताकत बढ़ाने में सहायक है। यह आसन हाथों, कंधों और कोर मसल्स को मजबूत करता है, साथ ही एकाग्रता और मानसिक स्थिरता में भी सुधार करता है।
योग विशेषज्ञ ककासन करने की सही विधि भी बताते हैं। ककासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर उकड़ू मुद्रा में बैठना चाहिए। दोनों हथेलियों को कंधों की सीध में जमीन पर रखें, उंगलियां फैली हुई हों। घुटनों को कोहनियों के पास लाएं और पैरों की उंगलियों पर संतुलन बनाएं। अब धीरे-धीरे शरीर का वजन हथेलियों पर डालते हुए पैरों को जमीन से ऊपर उठाना चाहिए। घुटनों को कोहनियों या ऊपरी बाहों पर टिकाना चाहिए। इस दौरान नजर सामने की ओर रखें ताकि संतुलन बना रहे।
इस स्थिति में 10-20 सेकंड तक रुकना और गहरी सांस लेते रहना चाहिए। विशेषज्ञ के अनुसार, शुरुआत में संतुलन बिगड़ने या गिरने का डर हो सकता है, इसलिए नीचे तकिया या गद्दा जैसी मुलायम चीजें सहारा के लिए रखें। धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं और सामान्य स्थिति में लौटें। इसे खाली पेट सुबह करना सबसे अच्छा है।
ककासन के नियमित अभ्यास से कई शारीरिक और मानसिक लाभ मिलते हैं। यह बाहों, कंधों और कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है। पेट के अंगों पर दबाव पड़ने से पाचन तंत्र बेहतर होता है। यह आसन एकाग्रता और मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में सहायक है, क्योंकि इसे करने के लिए ध्यान की जरूरत होती है। ककासन रीढ़ को लचीला बनाता है और शरीर का संतुलन सुधारता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करता है। नियमित अभ्यास से आत्मविश्वास बढ़ता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
ककासन न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी एक उत्तम आसन है, जो नियमित अभ्यास से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। हालांकि, ककासन करने से पहले शरीर को वार्मअप करना आवश्यक होता है। गर्भवती महिलाओं और कलाई या कंधे में चोट वाले लोगों को इसे न करने की सलाह दी जाती है। यह आसन करने से पहले किसी योग विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए।