क्या एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत कन्नौज में युवाओं को रोजगार मिला है?

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं को रोजगार देने वाली एक महत्त्वपूर्ण योजना।
- कन्नौज में लगभग 1500 नए उद्यमी बने हैं।
- पारंपरिक उद्योगों को नया जीवन मिल रहा है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम युवा उद्यमियों को सशक्त कर रहा है।
- सरकारी सहायता से लोन प्राप्त करना संभव है।
कन्नौज, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ड्रीम स्कीम एक जिला एक उत्पाद कन्नौज जिले में नए आयाम स्थापित कर रही है। इस योजना के अंतर्गत युवाओं को रोजगार मिला है और वे युवा उद्यमी बनकर दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। जिले में इस योजना से लगभग 1500 नए उद्यमी सफलतापूर्वक अपने कारोबार चला रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2018 में एक जिला एक उत्पाद योजना की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य प्रदेश के प्रत्येक जिले के पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देना था। कन्नौज के इत्र और अगरबत्ती उद्योग को इस योजना में शामिल किया गया था।
जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से हर साल नए इत्र और अगरबत्ती उद्यमियों को तैयार किया जा रहा है। इसके लिए हर साल लगभग 250 युवाओं का चयन कर जिला उद्योग केंद्र उन्हें इत्र और अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग देता है। इसके बाद उद्यम स्थापित करने के लिए सब्सिडीलोन उपलब्ध कराया जाता है। इसका परिणाम यह है कि कन्नौज में पिछले सात साल में लगभग डेढ़ हजार युवा इत्र उद्यमी के रूप में तैयार हुए हैं। इत्र एसोसिएशन इसे युवाओं को रोजगार से जोड़ने का एक सशक्त साधन मानता है।
कन्नौज के डीसी धनंजय सिंह ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में बताया कि एक जिला एक उत्पाद योजना 2018 में शुरू हुई थी। इसके तहत जिले के इत्र उत्पाद को चिन्हित किया गया था। दो साल बाद अगरबत्ती और धूपबत्ती को जोड़ा गया। इस प्रकार हमारे जिले के दो उत्पाद हो गए। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक कार्यक्रम है।
धनंजय सिंह ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत कई योजनाएं चल रही हैं। जैसे ओडीओपी वित्त पोषण। हम 20 से 25 इकाइयों को लोन देकर कारोबार स्थापित कराते हैं। योजना शुरू होने से अब तक लगभग 150 ईकाइयों की स्थापना हो चुकी है। इसी के तहत प्रशिक्षण का कार्यक्रम होता है, जो एफएफडीसी के माध्यम से किया जाता है। हर साल लगभग 200 बच्चों को प्रशिक्षित किया जाता है।