क्या कानपुर में शेयर मार्केट और आईपीओ के नाम पर बड़ा साइबर फ्रॉड हुआ?

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क्या कानपुर में शेयर मार्केट और आईपीओ के नाम पर बड़ा साइबर फ्रॉड हुआ?

सारांश

कानपुर में शेयर मार्केट और आईपीओ के नाम पर एक बड़े साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने 8 ठगों को गिरफ्तार किया है, जो पढ़े-लिखे लोगों को भी ठगने में सफल रहे। यह घटना साइबर ठगी के नए आयामों को उजागर करती है।

Key Takeaways

  • साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।
  • शेयर मार्केट में निवेश करते समय सतर्क रहें।
  • फर्जी ऐप्स से बचें।
  • डिजिटल वॉलेट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
  • पुलिस की कार्रवाई में सहयोग करें।

कानपुर, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शेयर मार्केट और आईपीओ में बड़े मुनाफे का सपना दिखाकर लोगों को ठगने वाले एक बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस गिरोह के 8 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि इस ठगी के जाल में शिक्षित और समझदार लोग भी फंसते गए।

पुलिस के अनुसार, आरोपी व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। उन्होंने 'लॉन्च क्लब एच49' नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया था, जिसमें निवेश के नाम पर लोगों को जोड़ा जाता था। ग्रुप में खुद को सेबी से जुड़ा एक्सपर्ट बताकर शेयर मार्केट और आईपीओ से संबंधित रोजाना टिप्स और विश्लेषण प्रदान किए जाते थे, जिससे लोगों का भरोसा जीता जाता था।

शुरुआत में पीड़ितों को फर्जी ट्रेडिंग ऐप 'वेंटुरा ग्लोबल' पर मुनाफा दिखाया जाता था। इससे लोगों को लगता था कि उनका पैसा सुरक्षित है और तेजी से बढ़ रहा है। जैसे ही निवेशकों ने अधिक राशि लगाना शुरू किया, वैसे ही ठगी का असली खेल शुरू हो गया। कुछ ही समय में लोग लाखों से करोड़ों रुपए गंवा बैठे।

जांच में पता चला है कि ठगों ने ठगी की राशि को सीधे बैंक खातों से निकालकर क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी में परिवर्तित कर दिया। इसके बाद पैसे को डिजिटल वॉलेट्स के माध्यम से इधर-उधर ट्रांसफर कर दिया जाता था ताकि रकम का कोई सुराग न मिल सके।

पुलिस की छापेमारी में आरोपियों के पास से 13 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैंकिंग दस्तावेज, डेबिट कार्ड, क्यूआर कोड, व्हाट्सऐप-टेलीग्राम की चैट और क्रिप्टो वॉलेट से जुड़ा पूरा डेटा बरामद किया गया है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह पूरे देश में संगठित तरीके से लोगों को निशाना बना रहा था। फिलहाल, डिजिटल सबूतों की गहन जांच की जा रही है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जब जांच आगे बढ़ेगी तो ठगी के इस बड़े नेटवर्क से जुड़े और नाम भी सामने आ सकते हैं।

Point of View

जो सराहनीय है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

कानपुर में साइबर फ्रॉड कैसे हुआ?
साइबर अपराधियों ने व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को ठगा, निवेश के नाम पर उन्हें जोड़कर फर्जी जानकारी दी।
कितने ठग गिरफ्तार हुए?
कानपुर पुलिस ने 8 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
ठगों ने लोगों से कितना धन ठगा?
लोगों ने इस ठगी में लाखों से लेकर करोड़ों रुपए गंवाए हैं।
पुलिस ने क्या सबूत बरामद किए?
पुलिस ने 13 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैंकिंग दस्तावेज, और क्रिप्टो वॉलेट से जुड़ा डेटा बरामद किया।
इस ठगी से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
लोगों को निवेश करते समय सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनजान स्रोत से मिली जानकारी पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
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