क्या करगहर सीट पर भोजपुरी सिंगर रितेश सिंह का सपना टूटेगा, या जेडीयू के बशिष्ठ सिंह रहेंगे आगे?
सारांश
Key Takeaways
- रितेश पांडे का चुनावी सफर दिलचस्प है।
- बशिष्ठ सिंह की बढ़त महत्वपूर्ण है।
- 12 उम्मीदवार करगहर सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
- भोजपुरी सिंगर्स का चुनाव में भाग लेना एक नया ट्रेंड है।
- करगहर सीट का चुनावी इतिहास पुराना है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार विभिन्न भोजपुरी सिंगर्स चुनावी मैदान में हैं, जो अलग-अलग पार्टियों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आज सभी के लिए निर्णय का दिन है।
करगहर सीट से भोजपुरी सिंगर रितेश पांडे जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनावी दौड़ में हैं। लेकिन शुरुआती रुझानों में वह काफी पीछे चल रहे हैं और चौथे स्थान पर हैं, जबकि वह 2050 वोटों से पीछे हैं।
करगहर सीट पर रुझान आना शुरू हो गए हैं, और जेडीयू के बशिष्ठ सिंह सबसे आगे हैं, जिनके पास 2559 वोट हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के संतोष कुमार मिश्रा हैं, जिनके खाते में अभी तक 1927 वोट आए हैं। तीसरे स्थान पर बसपा के उदय प्रताप सिंह हैं, जबकि रितेश पांडे चौथे नंबर पर हैं, जिन्हें अब तक 509 वोट मिले हैं।
शुरुआती रुझानों में रितेश पांडे का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। जेडीयू के बशिष्ठ सिंह को पीछे छोड़ना उनके लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि बशिष्ठ सिंह करगहर सीट पर एक जाने-माने चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। 2020 में कांग्रेस के संतोष कुमार मिश्रा ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार जेडीयू के बशिष्ठ सिंह ने उन्हें पीछे छोड़ दिया है।
करगहर सीट पर पहले चुनाव 1967 में हुए थे, जिसमें एसएसपी के तुलसी सिंह ने जीत हासिल की थी। अब देखना यह है कि करगहर सीट इस बार किसके हिस्से में आती है।
करगहर सीट से रितेश पांडे, जेडीयू के बशिष्ठ सिंह, सीपीआई के महेंद्र प्रसाद गुप्ता और बसपा के उदय प्रताप सिंह जैसे बड़े नेताओं ने अपनी किस्मत आजमाई है। निर्दलीय उम्मीदवारों को मिलाकर इस सीट पर कुल 12 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि भोजपुरी सिंगर रितेश पांडे ने पहली बार चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने का निर्णय लिया है। वह एक प्रसिद्ध गायक हैं, जो फिल्मी गानों से लेकर भक्ति गीतों तक के लिए जाने जाते हैं।