क्या कर्नाटक में आवास योजना को कांग्रेस धार्मिक रंग दे रही है?: संबित पात्रा

Click to start listening
क्या कर्नाटक में आवास योजना को कांग्रेस धार्मिक रंग दे रही है?: संबित पात्रा

सारांश

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कर्नाटक में आवास योजना को लेकर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना अब धार्मिक रूप ले चुकी है। जानिए इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • संबित पात्रा ने कर्नाटक में आवास योजना के धार्मिककरण पर सवाल उठाए।
  • कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
  • यह तुष्टिकरण की राजनीति का एक उदाहरण है।
  • जाति जनगणना में अन्य समुदायों के साथ अन्याय हुआ है।
  • यह मुद्दा कर्नाटक के विकास और सामाजिक न्याय को प्रभावित कर सकता है।

भुवनेश्वर, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने शुक्रवार को कांग्रेस और कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय के लिए 15 प्रतिशत आवास आरक्षण के निर्णय पर प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में आवास योजना जैसी कल्याणकारी योजना को धार्मिक रूप दिया जा रहा है।

संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी सत्ता में है और वहां के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि राज्यव्यापी आवास योजना में मुसलमानों के लिए विशेष रूप से 15 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। आवास योजना जैसी कल्याणकारी योजना को अब धार्मिक रूप दिया जा रहा है। यह आरक्षण केवल मुसलमानों के लिए है, और यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए दीर्घकालिक संकट को आमंत्रित कर रही है।"

संबित पात्रा ने गांधी परिवार पर भी निशाना साधते हुए कहा, "गांधी परिवार और विशेषकर राहुल गांधी के लिए धार्मिक तुष्टिकरण संविधान से भी ऊपर है। तुष्टिकरण की यह राजनीति नई नहीं है। कर्नाटक में, मार्च में 21 मार्च को सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता संशोधन विधेयक लाया गया था, जिसके अनुसार 2 करोड़ रुपए से कम की राज्य निविदाओं में 4 प्रतिशत का आरक्षण मुस्लिमों के लिए होगा। इस प्रकार कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर आरक्षण लागू किया है। इसलिए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि कर्नाटक की कल्याणकारी योजनाएं अब तुष्टिकरण के उपकरण में बदल गई हैं।"

संबित पात्रा ने आगे कहा, "हाल ही में सिद्धारमैया की अध्यक्षता में कर्नाटक सरकार द्वारा जाति जनगणना पर लगभग 165 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद, अब जनगणना को खारिज कर दिया गया है और एक नई जाति जनगणना की घोषणा की गई है। सिद्धारमैया यह कहते हैं कि यह उनका या उनके मंत्रिमंडल का फैसला नहीं था, बल्कि कांग्रेस आलाकमान का निर्णय था।"

संबित पात्रा ने बताया, "लोगों को समझना चाहिए कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार किस तरह का अन्याय कर रही है। जाति जनगणना की लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार, कलिंग और लिंगायत समुदाय के साथ अन्याय हुआ है। इन समुदायों ने कर्नाटक के विकास और सामाजिक न्याय में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यही कारण है कि कर्नाटक सरकार अब जाति जनगणना से पीछे हट रही है। लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार, वीरशैव-लिंगायत समुदाय, जो पहले 18-22 प्रतिशत के रूप में दिखाया गया था, अब घटकर मात्र 11 प्रतिशत रह गया है।"

Point of View

NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक में आवास योजना का उद्देश्य क्या है?
कर्नाटक में आवास योजना का उद्देश्य सभी नागरिकों को उचित आवास मुहैया कराना है।
कांग्रेस ने आवास योजना में मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण क्यों दिया?
कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण देने का निर्णय सामाजिक न्याय और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए लिया है।
संबित पात्रा का आरोप क्या है?
संबित पात्रा का आरोप है कि कांग्रेस इस योजना को धार्मिक रंग दे रही है और तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।
क्या कर्नाटक की अन्य जातियों को भी आरक्षण मिलेगा?
इस समय कर्नाटक में आवास योजना में मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा की गई है।
जाति जनगणना का क्या महत्व है?
जाति जनगणना का महत्व सामाजिक न्याय और संसाधनों के उचित वितरण में है।