क्या पहचान के संकट से निकलकर आजमगढ़ अदम्य साहस का गढ़ बन गया है? : सीएम योगी

सारांश
Key Takeaways
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91.352 किलोमीटर लंबा है।
- इसकी लागत 7,283 करोड़ रुपए है।
- यह एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोड़ता है।
- सीएम योगी ने इसे आम जनता के लिए समर्पित किया।
- यह आजमगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
लखनऊ/आजमगढ़ 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आजमगढ़ में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का शानदार उद्घाटन किया। यह लिंक एक्सप्रेसवे, जो 91.352 किलोमीटर लंबा है, राज्य को विकास के नए आयामों की ओर ले जाने का प्रतीक है, जिसे 7,283 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच फीता काटकर इस एक्सप्रेसवे को आम जनता के लिए समर्पित किया, और इसके बाद वह गोरखपुर की ओर प्रस्थान कर गए।
सीएम योगी ने कहा कि पहले आजमगढ़ पहचान के संकट से जूझता था, लेकिन आज यह अदम्य साहस का गढ़ बन चुका है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और डबल इंजन सरकार के प्रयासों का परिणाम है, जो उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह लिंक एक्सप्रेसवे आजमगढ़ के साथ-साथ अंबेडकर नगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर को विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
सीएम योगी ने आगे कहा कि आजमगढ़ से गोरखपुर तक यह लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश को विकास की मुख्यधारा से जोड़ रहा है। यह कनेक्टिविटी पटना से दिल्ली तक की यात्रा को आसान बनाएगी। 2017 में केवल दो एक्सप्रेसवे (यमुना और आगरा-लखनऊ) थे, जिसमें आगरा-लखनऊ अधूरा था। अब 340 किलोमीटर का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, 300 किलोमीटर का बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और 91 किलोमीटर का गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे चालू हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त, गंगा एक्सप्रेसवे (600 किलोमीटर), लखनऊ-कानपुर, बलिया लिंक सहित छह एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे ने 3 घंटे की दूरी को 40-45 मिनट में सिमटने का गौरव हासिल किया है।
सीएम योगी ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक गंगा एक्सप्रेसवे का लोकार्पण प्रधानमंत्री करेंगे और इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत होगा कि उत्तर प्रदेश को समृद्ध होने से कोई रोक नहीं सकेगा। 2047 में भारत एक विकसित देश होगा और इसके लिए डबल इंजन की भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा किए गए प्रयास उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में पहचान दिला रहे हैं।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले सड़कों की स्थिति इतनी खराब थी कि गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढा पता नहीं चलता था। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास तो हो गया था, लेकिन जमीन तक नहीं खरीदी गई थी। 15,200 करोड़ रुपए में 110 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाने की योजना थी, लेकिन हमने इसे 120 मीटर चौड़ा करके 11,800 करोड़ रुपए में बनवाया।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि अब देश और प्रदेश की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा। ऑपरेशन सिंदूर, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक इसके उदाहरण हैं। जो सुरक्षा में सेंध लगाएगा, उसे यमराज का टिकट मिलेगा। उन्होंने कहा कि महाकुंभ प्रयागराज, अयोध्या में भगवान रामलाल के भव्य मंदिर का निर्माण और काशी में काशी विश्वनाथ धाम का विकास, मां विंध्यवासिनी धाम का विकसित होना, चित्रकूट धाम का विकास आदि सभी आज एक नई पहचान दिला रहे हैं।
सीएम ने 60,244 पुलिस भर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि बिना सिफारिश या पैसे के सभी जाति-संप्रदाय के युवा, जिनमें 12,045 बेटियां शामिल हैं, नौकरी पा रहे हैं। 2017 से पहले चाचा-भतीजा वसूली के लिए निकलते थे, लेकिन अब सबका साथ, सबका विकास हो रहा है। उन्होंने एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने की बात कही, ताकि युवाओं को स्थानीय रोजगार मिल सके।
सीएम योगी ने कहा कि पहचान के संकट से जूझ रहे आजमगढ़ ने दो-दो मुख्यमंत्री दिए, लेकिन उसे पहचान नहीं मिल सकी। आज डबल इंजन की सरकार की वजह से आजमगढ़ विकास की मुख्यधारा में शामिल हो चुका है। यह लिंक एक्सप्रेसवे न केवल आजमगढ़ को गोरखपुर से जोड़ेगा, बल्कि पूरे पूर्वांचल को नई गति देगा। पहले लोग आजमगढ़ के नाम से डरते थे, लेकिन 2017 के बाद डबल इंजन की सरकार ने आजमगढ़ की साड़ी, ब्लैक पॉटरी और हरिहरपुर के संगीत घराने को नई पहचान दी। अब औद्योगिक विकास की बात करते हुए सीएम ने कहा कि एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित हो रहे हैं, जिससे युवाओं को गांव में ही रोजगार मिलेगा। अब युवाओं को पहचान का संकट नहीं झेलना पड़ेगा। आज प्रदेश में 16 एयरपोर्ट हैं, जिनमें चार अंतरराष्ट्रीय हैं, और फोरलेन कनेक्टिविटी ने उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।