क्या सुकांत मजूमदार पर महेशतला में हमला हुआ? लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा पत्र

सारांश
Key Takeaways
- सुकांत मजूमदार पर हमला एक गंभीर घटना है।
- हमले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हाथ बताया गया।
- पुलिस की लापरवाही ने स्थिति को और बिगाड़ा।
- इस घटना ने लोकतंत्र की सुरक्षा पर सवाल उठाया।
- मजूमदार ने ओम बिरला को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
कोलकाता, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष एवं केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर सूचित किया है कि महेशतला में उन पर एक हमले का प्रयास किया गया।
मजूमदार ने लोकसभा में प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 222 के तहत एक नोटिस प्रस्तुत किया है, जिसमें एक सांसद और केंद्रीय मंत्री की गरिमा, सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर हमले तथा विशेषाधिकार के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं।
उन्होंने नोटिस में लिखा, "19 जून 2025 को जब मैं राजनीतिक हिंसा के पीड़ितों से मिलने और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के लिए डायमंड हार्बर जा रहा था, मेरे आधिकारिक काफिले को घेर लिया गया और कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसक हमला किया गया। मेरे काफिले पर पथराव किया गया, वाहनों में तोड़फोड़ की गई और मेरे साथ मौजूद कई लोग घायल हो गए। इस हमले ने मेरी और वहां उपस्थित लोगों की जान को गंभीर खतरे में डाल दिया। अधिक चिंताजनक यह है कि इस जघन्य घटना के दौरान पुलिस अधीक्षक (राहुल गोस्वामी) मौके पर थे, लेकिन उन्होंने कोई सुरक्षात्मक कार्रवाई नहीं की, जो जानबूझकर लापरवाही और कर्तव्य की अवहेलना के बराबर है।"
उन्होंने आगे कहा कि डायमंड हार्बर के एसडीपीओ उनके दौरे की पूर्व सूचना के बावजूद मौके पर उपस्थित नहीं थे। स्थिति केवल सीआईएसएफ सुरक्षाकर्मियों के समय पर हस्तक्षेप के कारण नियंत्रित हो सकी, क्योंकि मुझे पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार द्वारा जेड सुरक्षा कवर प्रदान किया गया है। यह घटना न केवल एक जनप्रतिनिधि के जीवन को खतरे में डालती है, बल्कि एक सांसद की गरिमा और विशेषाधिकार पर भी सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों द्वारा हिंसा और निष्क्रियता के ऐसे कृत्य हमारे संस्थानों के लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली और इस सदन के निर्वाचित सदस्यों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों के साथ गंभीर समझौता करते हैं।
उन्होंने लिखा, "यह घटना विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन और सदन की अवमानना है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इस मामले का संज्ञान लें और इसे उचित जांच और कार्रवाई के लिए विशेषाधिकार समिति को भेजें।"