क्या कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को जल जीवन मिशन के लिए पत्र लिखा?
सारांश
Key Takeaways
- सिद्धारमैया ने जल जीवन मिशन के लिए केंद्र से धनराशि की मांग की।
- कर्नाटक सरकार ने 86 प्रतिशत घरों में पानी की सुविधा दी।
- केंद्र से 2025-26 तक 13,004.63 करोड़ रुपए की राशि की आवश्यकता।
- राज्य ने 24,598.45 करोड़ रुपए का योगदान किया।
- केंद्र का सहयोग आवश्यक है।
बेंगलुरु, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जल जीवन मिशन (जेजेएम) के लिए केंद्र से लंबित राशि तुरंत जारी करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार मिशन के उद्देश्यों को तेजी से पूरा कर रही है, लेकिन केंद्र से धनराशि का अभाव योजनाओं के समय पर लागू होने में बाधा उत्पन्न कर रहा है।
सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए लिखा कि कर्नाटक ने ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन को सफलतापूर्वक लागू किया है। राज्य ने अब तक 86 प्रतिशत से अधिक घरों में फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध करा दिया है। सीएम ने बताया कि योजनाओं पर तेजी से कार्य चल रहा है और जमीन पर ठोस प्रगति दिखाई दे रही है।
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति ने कुल 69,487.60 करोड़ रुपए की परियोजना राशि मंजूर की है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी निश्चित अनुपात में निर्धारित है। कर्नाटक सरकार अपनी हिस्सेदारी के वित्तीय दायित्वों को लगातार पूरा कर रही है, लेकिन परियोजनाओं के सुचारू संचालन और समय पर पूरा होने के लिए केंद्र का निरंतर समर्थन आवश्यक है। अब तक जल जीवन मिशन पर कुल 35,698.58 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसमें से कर्नाटक सरकार ने 24,598.45 करोड़ रुपए का योगदान दिया है, जबकि केंद्र से केवल 11,786.63 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र से वर्ष 2025-26 तक कुल 13,004.63 करोड़ रुपए की राशि जारी नहीं की गई है।
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि वर्ष 2024-25 में राज्य को केंद्र से केवल 570.66 करोड़ रुपए मिले, जबकि आवंटन 3,804.41 करोड़ रुपए का था। इस दौरान राज्य ने 7,045.64 करोड़ रुपए अग्रिम जारी किए, जिससे 7,602.99 करोड़ रुपए की वित्तीय प्रगति सुनिश्चित हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र से राशि मिलने की उम्मीद में राज्य लगातार अग्रिम निवेश कर रहा है ताकि काम में कोई देरी न हो। मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक केंद्र से एक भी रुपये की अनुदान राशि जारी नहीं की गई है, जबकि राज्य पहले ही 1,500 करोड़ रुपए जारी कर चुका है। वर्तमान में 1,700 करोड़ रुपए के बिल भुगतान के लिए लंबित हैं और 2,600 करोड़ रुपए के बिल प्रक्रिया में हैं।
सीएम ने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि ग्रामीण जनसंख्या को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए जल जीवन मिशन के तहत केंद्र का लंबित हिस्सा जल्द से जल्द जारी किया जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार राज्य के इस महत्वपूर्ण प्रयास में सहयोग जारी रखेगी।